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Nagaur गौरैया के लिए मसीहा बने ललित आचार्य , पेंशन से 1144 दिनों में गौरेया के 1300 घरौंदे बनाए

Nagaur : सरकारी नौकरी में रिटायरमेंट के बाद व्यक्ति अपनी जिंदगी को बड़े आराम से गुजारने के साथ घूमना फिरना चाहता है, लेकिन शहर के हाथी चौक निवासी 63 वर्षीय ललित आचार्य उर्फ लल्लुसा पिछले दो वर्षों से गौरेया पक्षी के लिए 1300 से अधिक आशियाने घरौंदे बना चुके है और अभी भी उनका इस उम्र में जुनून जारी है।

पेंशन से गौरैया के लिए 1300 घर बनवाए

Nagaur : ललित आचार्य ने बताया कि वर्तमान में घरेलू गौरैया की प्रजाति लगभग विलुप्त होने के कगार पर है। मोबाइल और टीवी टावर से निकलने वाला रेडिएशन भी इनकी कमी का मुख्य कारण है। गौरैया पिछले 1144 दिनों में लगातार पक्षियों के लिए 1300 से ज्यादा घर बना चुकी हैं और अब भी बना रही हैं।

घर पर बैठकर ही सारा काम सीखा

Nagaur : आचार्य बताते है कि इसी में उन्हें सुकून मिलता है, जब उनके हाथ से बनाए घरौंदे में पक्षी चहचहाते है। इसलिए घर पर बैठकर घरौंदे बनाने का काम सीखा। शुरुआत में दिक्कतें आई, लेकिन धीरे धीरे काम में मजा आने लगा।यहां रोचक बात यह है कि सेवानिवृत होने के बाद आने वाली पेंशन से ही इन गौरेया पक्षियों के लिए घर बनाए जा रहे है। ललित आचार्य 31 जनवरी 2020 को नौकरी से रिटायर हुए। अपने जीवन में सामाजिक व धार्मिक स्तर पर होने वाले कई कार्यक्रमों में बढ़चढ़कर भाग लिया। ललित आचार्य काे पक्षियों से बड़ा प्रेम है। रिटायरमेंट के बाद इन्होंने सोचा इन गौरेया पक्षियों की प्रजाति धीरे धीरे लुप्त हो रही है। क्यों ना इनके लिए घरौंदे बनाए जाए।

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