टेक ज्ञान

Samsung के फोन ने हटाया गूगल सर्च इंजन ! जानें क्या है पूरा मामला

Tech: बात इंटरनेट पर कुछ सर्च करने की हो या फिर (Samsung) हमसे सर्च इंजन के बारे में कोई सवाल पूछा जाए, जहन में सबसे पहला नाम यदि कोई आता है तो वो होता है गूगल सर्च इंजन। पिछले कई साल से सर्च इंजन और इंटरनेट सर्च इंजन गूगल की बात ही कुछ और है। अपनी स्पीड, ग्राफिक्स, सर्च क्वालिटी और अलग अलग फेसीलिटीस की वजह से गूगल दुनिया में अधिकतर लोगों का फेवरेट सर्च इंजन रहता है। लेकिन अब इसमें बदलाव आना शुरू हो गया है, सर्च इंजन Google का दबदबा अब धीरे धीर अब कम होता नजर आ रहा है, जिसके कारण सैमसंग और एपल जैसी बड़ी कंपनियों ने भी इस सर्च इंजन से दूरी बनाना शुरू कर दिया है।

सैमसंग ने लिया ये निर्णय

खबर है कि सैमसंग (Samsung) ने गूगल के डिफॉल्ट सर्च इंजन से किनारा करते हुए अपने स्मार्टफोन में माइक्रोसॉफ्ट के बिंग एआई को देने का निर्णय लिया है। यानि आने वाले कुछ दिनों में सैमसंग यूजर्स को गूगल नहीं बल्कि माइक्रोसॉफ्ट बिंग एआई पर सर्चिंग करना पड़ सकती है। सैमसंग का गूगल से किनारा करने के रीजन गूगल के आर्टीफिशयल इंटेलिजेंस की दौड़ में पिछड़ने को माना जा रहा है।

इस वजह से लिया ये फैसला

मार्केट में एआई बेस्ड सर्च इंजन और चैटबॉट के आने से गूगल और माइक्रोसॉफ्ट में जंग छिड़ गई है, और इस जंग में अगर फिलहाल की स्थिति पर नजर डालें तो गूगल के पास एआई बेस्ड सर्च इंजन न होने की वजह से माइक्रोसॉफ्ट के आगे गूगल अपना दबदबा कायम नहीं कर पा रहा है। जिसके चलते स्मार्टफोन कंपनियां एआई बेस्ड सर्च इंजन के साथ अपना दांव लगाने और गूगल को डिफॉल्ट सर्च इंजन से हटाने की तैयारी कर रही हैं।

सैमसंग से गूगल को आता है इतना रेवेन्यू

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो गूगल फिलहाल पैनिक मोड में है। सैमसंग फोन में डिफॉल्ट रूप से गूगल सर्च इंजन देने से गूगल को सालाना करीब करीब 24,583 करोड़ का रेवेन्यू मिलता है। गूगल न सिर्फ बहुत सारा पैसा खोने की कगार पर है, बल्कि अगर सैमसंग (Samsung) गूगल से दूर चला जाता है। तो धीरे धीरे सारी मोबाइल कंपनियों को मजबूरी में गूगल से दूरी बनाना पड़ेगी नहीं तो एआई बेस्ड सर्च इंजन न होने के कारण मोबाइल कंपनियों को नुकसान होना शुरू हो जाएगा। वहीं यदि बात एप्पल की करें तो गूगल सर्च की जगह बिंग को अपने डिवाइस में डिफॉल्ट रूप से शामिल करने पर गूगल को एप्पल की तरफ से भी सालाना करीब 20 बिलियन डॉलर का नुकसान झेलना पड़ सकता है।

मैगी पर काम कर गूगल

इसके अलावा गूगल अब अपने एआई बेस्ड सर्च इंजन और टेक को अपग्रेड करने के लिए मैगी नामक एक नई परियोजना पर काम कर रहा है। कंपनी एआई को अपनी सारी सर्विसेस में शामिल करने की तैयारी कर रही है। वहीं गूगल GIFI नामक एक नए टूल लाने की तैयारी में भी है जो एआई के मदद गूगल इमेज में इमेज जेनरेट करेगा और टिवोली ट्यूटर का काम भी करेगी।

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