मोदी सरनेम मामले में सूरत की अदालत आज सुनाएगी Rahul Gandhi की याचिका पर फैसला
सूरत: ‘मोदी सरनेम’ मामले में मिली सजा के खिलाफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की याचिका पर आज सूरत की एक अदालत अपना फैसला सुना सकती है। याचिका में ‘मोदी सरनेम’ पर की गई टिप्पणी पर आपराधिक मानहानि मामले में उनकी सजा पर रोक लगाने की मांग की गई है।
मोदी सरनेम केस में हुई है दो साल की सजा
राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को मोदी सरनेम पर गलत टिप्पणी करने के चलते सूरत की कोर्ट ने 2 साल की सजा सुनाई है। उनके खिलाफ चल रहे मानहानि मामले में कोर्ट ने उन्हें दोषी पाने के बाद यह सजा सुनाई थी। हालांकि, सजा को लेकर राहुल द्वारा याचिका दायर करने के बाद 3 अप्रैल को सूरत सत्र न्यायालय ने कांग्रेस नेता को जमानत दे दी।
लोकसभा सदस्यता भी निरस्त
राहुल गांधी वायनाड से लोकसभा सांसद थे, लेकिन सूरत की निचली अदालत द्वारा 23 मार्च को उन्हें दो साल की जेल की सजा सुनाए जाने के बाद उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया था। हालांकि, सत्र न्यायालय ने बाद में पूर्व सांसद को जमानत देते हुए शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी और राज्य सरकार को उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाने की कांग्रेस नेता की याचिका पर नोटिस भी जारी किया। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुना और फिर 20 अप्रैल के लिए आदेश सुरक्षित रख लिया।
ये है पूरा मामला
राहुल गांधी (Rahul Gandhi) 2019 के लोकसभा चुनाव में केरल के वायनाड से सांसद बने थे। बीतें 23 मार्च को सूरत की एक अदालत ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा दायर आपराधिक मानहानि के मामले में राहुल गांधी को दोषी करार दिया था और दो साल के कारावास की सजा सुनाई थी जिसके एक दिन बाद उन्हें लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया।
राहुल ने निचली अदालत के आदेश के खिलाफ तीन अप्रैल को सत्र अदालत का रुख किया। उनके वकीलों ने दो आवेदन भी दाखिल किये जिनमें एक सजा पर रोक के लिए और दूसरा अपील के निस्तारण तक दोषी ठहराये जाने पर स्थगन के लिए था। अदालत ने राहुल को जमानत देते हुए शिकायती पूर्णेश मोदी और राज्य सरकार को नोटिस जारी किये।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आर पी मोगेरा की अदालत ने गत गुरुवार को राहुल गांधी के आवेदन पर फैसला 20 अप्रैल तक सुरक्षित रख लिया था। राहुल को आपराधिक मानहानि के इस मामले में दो साल के कारावास की सजा सुनाये जाने के एक निचली अदालत के आदेश के खिलाफ राहुल की अपील लंबित रहने के बीच फैसला सुरक्षित रखा गया।
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