Kedarnath के 400 साल पुराने राज को जानकर हैरान हो जाएंगे आप! वैज्ञानिक खोज रहे जवाब
Spiritual: कहा जाता है कि जितना इंतजार भक्त (Kedarnath) अपने भगवान के दर्शन के लिए करते हैं ठीक उतना ही इंतजार भगवान भी अपने भक्त का किया करते हैं। लेकिन जब भक्त और भगवान का मिलन होता है तो पूरी सृष्टि में खुशी की लहर दौड़ उठती है। ठीक ऐसा ही नजारा है आज उत्तराखंड स्थित केदारनाथ धाम का है। भारत के चारों धामों में सबसे अलग महत्व रखने वाले बाबा केदारनाथ धाम के कपाट आज सुबह खोल दिए गए हैं। जिसके बाद करीब छह महीने से मंदिर के अंदर बिराजे देवाधिदेव महादेव अब अपने भक्तों को दर्शन देना प्रारंभ कर चुके हैं।
सुबह 6 बजकर 20 मिनट पर खुले कपाट
सुबह 6 बजकर 20 मिनिट पर मंदिर के कपाट मंदिर के मुख्य पुजारी जगद्गुरु रावल भीम शंकर लिंग शिवाचार्य ने मंदिर के कपाट खोले, इस दौरान परंपरागत वाद्य यंत्रों को बजाकर भगवान शिव की पूजा अर्चना की गई। पूजा के दौरान जहां एक तरफ मंदिर के भीतर वैदिक मंत्रोच्चार की ध्वनि गूंज रही थी तो वहीं बाहर शिवभक्त बम बम भोले के जयकारे लगा रहे थे।
20 क्विंंटल फूलों से सजा बाबा का दरबार
केदारनाथ (Kedarnath) और आसपास के क्षेत्रों में पिछले 72 घंटों से बर्फबारी हो रही हैयययय जिसके कारण मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं को आगे बढ़ने से रोक दिया गया लेकिन इसके बाद भी मंदिर के आसपास करीब 8 हजार से ज्यादा श्रध्दालुओं का तांता दिखाई दिया। बताया जा रहा है कि केदारनाथ धाम में लगातार हो रही बर्फबारी के कारण तापमान -6 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे पहुंच गया है। लेकिन इस कंपकंपाती ठंड और तेज बर्फबारी के बाबजूद बाबा के भक्तों के हौसले की जरा सी कमी नहीं आई है।
2013 में आए जल प्रलय से भी मंदिर रहा सुरक्षित
मान्यता है कि हिमालय की गोद में बसे इस धाम में भगवान भोले स्वयं विराजमान रहते हैं और इस धाम के दर्शन करने मात्र से ही इंसान के समस्त पापों का शमन होता है और उसे आनंद की प्राप्ति होती है। मंदाकिनी के किनारे बसे इस धाम में बाबा का पूरा मंदिर पत्थरों से बना हुआ है, वैज्ञानिकों का मानना है कि करीब 400 साल तक यह मंदिर पूरी तरह से बर्फ में दबा रहा लेकिन मंदिर को कोई नुकसान नहीं हुआ वहीं कुछ सालों पहले 2013 में आई जलय प्रलय से भी मंदिर को कोई नुकसान नहीं हुआ ऐसा क्यों?
वैज्ञानिक खोज रहे जवाब
जहां वैज्ञानिक इस बातों के जबाव खोजने (Kedarnath) के प्रयास खोजने में लगे हुए तो वहीं बाबा की भक्त कहते हैं कि यह सब बस देवाधिदेव महादेव की कृपा का ही चमत्कार है। आपको बता दें कि मंदिर के कपाट छह महीने के लिए ही खोले जाते हैं जो आज खुल चुके हैं अब यह नवंबर तक खुले रहेंगे इसके बाद बर्फबारी की शुरूआत होते ही बाबा के मंदिर को छह महीने के लिए बंद कर दिया जाएगा।
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