राजस्थान चुनाव 2023

Rajasthan Election: चुनाव से पहले ही कांग्रेस में टीकट की लड़ाई, चौमूं में दो नेता में जमकर हुई नौंक-झौंक

Jaipur: प्रदेश में विधानसभा चुनाव में भले ही अभी 7 महीने (Rajasthan Election) का समय हो लेकिन टिकट की दावेदारी को लेकर अभी से ही नेताओं के बीच वर्चस्व की लड़ाई सड़कों पर आ गई है। ऐसा ही मामला मंगलवार को जयपुर के कालाडेरा में भी देखने को मिला जब सरकार की ओर से आयोजित महंगाई राहत शिविर के दौरान आयोजित जनसभा के बाद चौमूं से कांग्रेस के पूर्व विधायक भगवान सहाय सैनी और प्रोफेशनल कांग्रेस की अध्यक्ष रुक्ष्मणि कुमारी के बीच जमकर विवाद हुआ और दोनों के बीच काफी देर तक नोकझोंक भी हुई। जिसके बाद यह मामला सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है।

महंगाई राहत शिविर से हुई विवाद की शुरूआत

दरअसल विवाद की शुरुआत महंगाई राहत शिविर (Rajasthan Election) के बाद आयोजित जनसभा के मंच पर कुर्सी को लेकर थी। बताया जाता है कि प्रोफेशनल कांग्रेस की अध्यक्ष और चौमूं राजघराने से संबंध रखने वाली रुक्ष्मणि कुमारी को मंच पर जगह नहीं दी गई। हालांकि बाद में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दखल के बाद उन्हें मंच पर जगह दी गई लेकिन सभा खत्म होने के बाद रुक्ष्मणि कुमारी और भगवान सहाय सैनी के बीच काफी देर तक कार्यकर्ताओं के सामने ही नोकझोंक हुई। नोकझोंक का वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो गया। वायरल वीडियो में रुक्ष्मणि कुमारी भगवान सहाय सैनी को जमकर खरी-खोटी सुनाती दिख रही हैं।

रूक्ष्मणि कुमारी ने भगवान सहाय को सुनाई खरी-खोटी

वायरल वीडियो में प्रोफेशनल कांग्रेस अध्यक्ष रुक्ष्मणि कुमारी भगवान सहाय सैनी से कहते दिख रहीं हैं कि है कि आपने मेरी कुर्सी मंच पर नहीं लगवाई। सारे कार्यकर्ता आपका नाम ले रहे हैं कि आपने कुर्सी नहीं लगने दी,मैं सार्वजनिक रूप से आपसे पूछ रही हूं आपने ऐसा क्यों किया। कुमारी ने कहा कि ऐसे पार्टी मजबूत नहीं होती आपकी जिम्मेदारी बनती है,आप हमारे सम्मानीय हैं आपने मेरे कुर्सी मंच पर नहीं लगने दी लेकिन मुख्यमंत्री गहलोत ने खुद ही मुझे मंच पर बुलवा लिया तब आपकी क्या रह गई। मैं कब से आपसे बोल रही हूं आपको समझा रही हूं लेकिन आप समझ नहीं रहे हैं उसके बाद दोनों नेता वहां से चले गए।

भगवान सहाय ने मंच पर नहीं लगने दी मेरी कुर्सी: रूक्ष्मणि कुमारी

इधर रुक्ष्मणि ने (Rajasthan Election) कहा कि महंगाई राहत कैंप के दौरान कालाडेरा में मुख्यमंत्री की सभा थी लेकिन चौमूं के पूर्व विधायक भगवान सहाय सैनी ने मेरी कुर्सी मंच पर नहीं लगने दी जिसके बाद में जनता के बीच जाकर बैठ गई, जब मुख्यमंत्री का मेरी तरफ ध्यान पड़ा तो उन्होंने अपने ओएसडी को भेज कर मुझे मंच पर बुलाया और मंच पर बैठाया।

टिकट की दावेदारी भी है लड़ाई का कारण!

दरअसल रुक्ष्मणि कुमारी और भगवान सहाय सैनी के बीच विवाद की एक वजह यह भी है कि भगवान सहाय सैनी भी जहां चौमूं से कांग्रेस के टिकट के लिए दावेदारी कर रहे हैं तो वहीं प्रोफेशनल कांग्रेस की अध्यक्ष रुक्ष्मणि कुमारी भी चौमूं से दावेदारी कर रही हैं और पिछले कई सालों से लगातार चौमूं में सक्रिय हैं। ऐसे में विवाद के पीछे एक वजह दोनों नेताओं की दावेदारी को भी माना जा रहा है। चौमूं राजपरिवार से संबंध रखने के चलते रुक्ष्मणि यहां से टिकट की दावेदारी कर रही हैं।2018 के विधानसभा चुनाव में भी रुक्ष्मणि ने चौमूं से दावेदारी की थी हालांकि उन्हें टिकट नहीं मिल पाया था।

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