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Sudan Conflict: शांति वार्ता को तैयार नहीं हो रहे दोनों पक्ष, छिड़ सकता है लंबा गृहयुद्ध

खारतूम: सूडान में संघर्षविराम के दौरान हिंसा (Sudan Conflict) के लिए सेना और अर्धसैनिक बल आरएसएफ ने एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया है। यह संघर्षविराम रविवार को खत्म हो गया। दोनों पक्षों के बीच तीसरे हफ्ते भी फायरिंग, गोलाबारी और हवाई हमले जारी हैं।

500 लोगों की हो चुकी है मौत

अब खतरा लंबे समय के लिए गृहयुद्ध छिड़ने का है। अप्रैल के मध्य से जारी संघर्ष में करीब पांच सौ नागरिक मारे जा चुके हैं और हजारों घायल हैं। आरएसएफ ने सेना पर हमले के लिए टैंकों-तोपों और लड़ाकू विमानों के इस्तेमाल का आरोप लगाया है। अमेरिका, सऊदी अरब और संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता वाले संघर्षविराम के अभी और बढ़ने के संकेत नहीं हैं, क्योंकि लड़ाई जारी रहने से संघर्षविराम प्रभावी नहीं हो रहा है।

सेना के प्रमुख ने दगालो के साथ वार्ता करने से किया इन्कार

अब दोनों पक्षों के बीच स्थायी शांति के लिए अन्य कोशिश की जा रही हैं। लेकिन सेना प्रमुख जनरल आब्देल फतह बुरहान ने कहा है कि वह आरएसएफ प्रमुख जनरल मुहम्मद हमदान दगालो के साथ वार्ता के लिए नहीं बैठेंगे। जबकि दगालो ने कहा है कि वह बातचीत तभी करेंगे जब सेना अपने हमले रोकेगी। इस बीच सूडान से नागरिकों का पलायन जारी है जबकि हजारों विदेशी अभी भी वहां पर फंसे हुए हैं।

हिंसा के बीच नहीं पहुंच पा रही सहायता

फंसे लोगों में अमेरिकी नागरिक बड़ी संख्या में हैं। संयुक्त राष्ट्र (Sudan Conflict) और अन्य एजेंसियां सूडान में खाद्यान्न और दवाओं की आपूर्ति कर रही हैं। लेकिन हिंसा के बीच सहायता पहुंचाना मुश्किल हो रहा है। सहायता पहुंचाने की कोशिश में पांच लोग अभी तक मारे जा चुके हैं। सूडान पुलिस ने दुकानों और अन्य संपत्तियों को लूटमार से बचाने के लिए बाजारों में बड़ी संख्या में बल तैनात कर दिया है।

RSF ने दी पुलिस को चेतावनीआरएसएफ ने पुलिस को चेतावनी दी है कि वह लड़ाई में शामिल न हो। पुलिस अपना तटस्थ रुख बनाए रखे। सूडान की पुलिस अत्याधुनिक हथियारों से लैस है और उसे दारफूर और नूबा पर्वतीय क्षेत्र में हिंसा को काबू करने का बड़ा अनुभव है।

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