Land For Job Scam: CBI की बड़ी छापेमारी, लालू के करीबी के ठिकानों पर तलाशी जारी
New Delhi: नौकरी के बदले जमीन मामले में राजद सुप्रीमो (Land For Job Scam) लालू प्रसाद की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई है। मंगलवार की सुबह केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, पटना सहित देशभर के कई ठिकानों पर एकसाथ छापामारी की है।
राजद विधायक किरण देवी के ठिकानों पर भी छापेमारी
इसी कड़ी में लालू की करीबी और राजद विधायक किरण देवी के ठिकानों पर भी तलाशी जारी है। पटना में सरकारी आवास सहित भोजपुर में विधायक और उनके पति अरुण यादव के ठिकानों पर सीबीआई की टीम पांच घंटे से तलाशी ले रही है। पटना हज भवन स्थित राजद विधायक किरण देवी के 28 नंबर सरकारी आवास पर छापामारी चल रही है।
भोजपुर जिले के विधायक के आवास पर भी कार्रवाई
वहीं, भोजपुर जिले के गड़हनी थाना क्षेत्र अंतर्गत (Land For Job Scam) अगिआंव स्थित विधायक के आवास पर तलाश चल रही है। विधि व्यवस्था की समस्या नहीं हो इसके लिए केन्द्रीय सुरक्षा बल के जवानों को छापामारी के दौरान तैनात किया गया है। पटना आवास पर नौकर समेत अन्य स्टाफ भी आवास पर मौजूद हैं। करीबी सूत्रों ने बताया कि सुबह छह बजे से किरण देवी के आवास पर छापामारी जारी है। आवास पर विधायक और पूर्व विधायक समेत परिवार के अन्य सदस्य मौजूद हैं। वहीं, विधायक के करीबी भी धीरे-धीरे आवास पहुंच रहे हैं। सीबीआई के अफसर अलग-अलग गाड़ियों से पहुंचे हैं। बस से जवान आए हुए हैं।
किरण देवी के पति का बालू का व्यापार
बता दें कि किरण देवी के पति अरुण यादव भी विधायक रह चुके हैं। अरुण यादव भोजपुर के बड़े बालू कारोबारी भी हैं। आरा से लेकर पटना तक उनका कारोबार फैला है। अरुण यादव के जेल में रहने के कारण पिछले चुनाव में संदेश विधानसभा क्षेत्र से उनकी पत्नी किरण देवी को राजद ने टिकट दिया था।
नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में जा चुके हैं जेल
उल्लेखनीय है कि किरण देवी के पति और पूर्व विधायक अरूण यादव (Land For Job Scam) पर साल 2019 में एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म का आरोप लगा था। पोक्सो के विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि 19 जुलाई 2019 को नगर थाना अंतर्गत कबीरगंज निवासी युवक के बयान पर अरुण देवी समेत दो लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी कराई गई थी। इसके तीन साल बाद 16 जुलाई 2022 को पूर्व विधायक अरुण यादव ने पोक्सो के विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार सिंह के कोर्ट में समर्पण किया था। उस समय कोर्ट के आदेश पर पूर्व विधायक को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया था।
Read More- बिहार पुलिस करेगी Dhirendra Shastri और मनोज तिवारी पर कानूनी कार्रवाई? ट्रफिक नियमों का किया उल्लंघन