Rajasthan Politics: जयपुर ब्लास्ट मामले में वसुंधरा राजे ने गहलोत सरकार पर साधा निशाना, कह दी ये बड़ी बात
Jaipur: जयपुर ब्लास्ट मामले में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियां आने के बाद राजस्थान (Rajasthan Politics) का सियासी पारा एक बार फिर गरमा हुआ है। भाजपा नेता इस मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाते हुए राज्य सरकार को चौतरफा घेरने में लगे हैं। शीर्ष अदालत की टिप्पणी पर पार्टी के तमाम सीनियर नेता गहलोत सरकार पर हमलावर दिखे। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाते हुए गहलोत सरकार को आड़े हाथ लिया। उन्होंने मौजूदा सरकार पर जयपुर ब्लास्ट की दुखद घटना की कमजोर पैरवी करने का आरोप लगाते हुए निशाना साधा।
वसुंधरा राजे ने ट्वीट कर कही ये बात
पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने ट्वीट संदेश में जारी प्रतिक्रिया में कहा, ‘मई, 2008 में गुलाबी नगर को रक्त रंजित कर 80 लोगों की जान लेने और कई लोगों को अपाहिज बनाने वाले जयपुर बम ब्लास्ट मामले में कांग्रेस सरकार ने ढंग से पैरवी नहीं की। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला उसी का परिणाम है।’
“ऐसे गंभीर मामले को सरकार ने जानबूझकर हल्के में लिया”
एक अन्य ट्वीट में पूर्व सीएम राजे ने कहा, ‘ऐसे गंभीर प्रकरण को सरकार ने जानबूझकर हल्के में लिया, वरना निचली अदालत का फैसला हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में बरकरार रहता। इस केस में तो सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ताओं ने 45 दिनों तक पैरवी ही नहीं की। ऐसे में संशय है कि कहीं सरकार के इशारे पर तो ऐसा नहीं हुआ ?
गहलोत सरकार पर साधा निशाना
राजे ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, ‘इस प्रकरण में जिस तरह कोताही बरती गई, उससे स्पष्ट है कि राज्य की कांग्रेस सरकार दोषी है। सरकार की मंशा के अनुरूप जयपुर में हुए बम ब्लास्ट के आरोपी भले ही फिलहाल बरी हो गए हों, लेकिन इनके कुशासन से त्रस्त जनता समय पर इसका जवाब जरूर देगी।’
Sc ने सुनाया है ये आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने जयपुर बम विस्फोट मामले में हाईकोर्ट (Rajasthan Politics) के आदेश पर आंशिक रूप लगाते हुए जांच में लापरवाही के आरोप झेल रहे पुलिसकर्मियों को राहत दी है। वही बम विस्फोट के आरोपियों को लेकर कहा है कि आरोपी बाहर आ गए तो राज्य हित कैसे सुरक्षित रहेगा? ऐसे में जेल से बाहर आने पर भी आरोपियों को रोजाना सुबह 10 से 12 के बीच एटीएस के दफ्तर में हाजरी देनी होगी।
9 अगस्त है अंतिम सुनवाई
कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए 9 अगस्त को अंतिम सुनवाई की तारीख तय की है। वहीं सैफ और सैफुर रहमान को नोटिस जारी करने का आदेश दिया। कैविएट दायर करने वाले तीन आरोपी सुप्रीम कोर्ट में पहले ही आ चुके हैं।
आदेश रद्द करने की लगाई गुहार
न्यायाधीश अभय एस. ओका और न्यायाधीश राजेश बिंदल (Rajasthan Politics) की खंडपीठ ने बुधवार को राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार की अपील को सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए यह आदेश दिया। बम विस्फोट प्रभावित परिवारों के दो सदस्यों की अपील को कोर्ट पहले ही सुनवाई के लिए स्वीकार कर चुका है। इन अपीलों में बम विस्फोट के अभियुक्तों को बरी करने के राजस्थान हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई है, वहीं सरकार की अपील में जांच में खामी को लेकर पुलिसकर्मियों पर कार्यवाही के लिए पुलिस महानिदेशक को दिए आदेश को रद्द करने की गुहार की गई है।