राजस्थान चुनाव 2023

Rajasthan Elections: पदाधिकारियों के जरिए मेवाड़ की 28 सीटों को साधने में जुटी कांग्रेस, इन नेताओं के भाई और बेटे को सौंपी कमान

Rajasthan Elections: कांग्रेस ने राजस्थान में सोमवार रात को तीन साल बाद पदाधिकारियों की लंबी सूची जारी की. इसमें मेवाड़ जिसकी 28 विधानसभा सीटों पर सभी की नजर है, यहां अपना परचम लहराने के लिए कांग्रेस ने चुनाव के 3 महीने पहले नियुक्तियां दे दी हैं. इसमें कांग्रेस ने जातिगत समीकरण को भी ध्यान दिया तो, वहीं वरिष्ठ नेताओं का भी सम्मान किया है. कहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री के भाई को कमान सौंपी गई है तो कहीं पिता के बाद बेटे को जिलाध्यक्ष बनाया गया है. वहीं, कहीं जातिगत समीकरण पर भी ध्यान दिया गया है. जानिए संभाग के जिलों में किसको और क्यों कमान दी गई.

मेवाड़ का मुख्यालय उदयपुर यहां से प्रदेश की इस कार्यकारिणी में 7 नेताओं को कार्यकारिणी में शामिल किया गया है. यहां से पूर्व केंद्रीय मंत्री गिरिजा व्यास के भाई गोपाल शर्मा को महासचिव बनाया है, यह पिछले 8 साल से जिलाध्यक्ष की कमान संभाल रहे हैं. वहीं, शहर जिलाध्यक्ष पर फतह सिंह राठौड़ और देहात जिलाध्यक्ष पर कचरू लाल चौधरी को लगाया है. वहीं, पूर्व विधायक हीरालाल दरांगी को प्रदेश उपाध्यक्ष, पूर्व देहात जिलाध्यक्ष लाल सिंह झाला को प्रदेश महासचिव, भीम सिंह चुंडावत और दिनेश श्रीमाली को प्रदेश सचिव बनाया है. दिनेश श्रीमाली उदयपुर शहर से विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं जिसमें हार मिली थी.

बांसवाड़ा जिला पूर्व विधायक और जिलाध्यक्ष को फिर दी कमान

बांसवाड़ा जिले की बात कर तो यहां रमेशचंद्र पंड्या को जिलाध्यक्ष की कमान मिली है. इन्हें सीएम गहलोत का करीबी भी माना जाता है. यहां वर्ष यह दो दशक पहले बांसवाड़ा से विधायक और इसी समय जिलाध्यक्ष की कमान संभाल चुके हैं. बताया जा रहा है की पंड्या को जिलाध्यक्ष बनाकर ब्राम्हण के साथ सामान्य वर्ग को साधने की कोशिश की गई है. यही नहीं बांसवाड़ा के पूर्व जिलाध्यक्ष चांदमल जैन को प्रदेश महासचिव पद दिया गया है.

डूंगरपुर जिला : पिता के बाद बेटे को मिली जिला कांग्रेस की कमान

डूंगरपुर जिले में कांग्रेस जिलाध्यक्ष की कमान वल्लभराम पाटीदार को मिली है. पहले जिलाध्यक्ष की कमान इन्ही के पिता भानजी भाई के पास थी. वल्लभाराम अभी पार्टी ने वरिष्ठ उपाध्यक्ष के पद और थे. इसके अलाव भी कई पदों और रह चुके क्योंकि पार्टी के साथ 4 दशक से जुड़े हुए है. इनसे पहले जिलाध्यक्ष पद पर दिनेश खोड़निया थे, तब सामान्य वर्ग को साधा था।

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