News: मत कहो हम पाकिस्तानी गद्दार हैं,’ लोकसभा में केंद्र पर भड़के फारूक अब्दुल्ला
News: लोकसभा में नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार को कश्मीर मुद्दे पर जमकर घेरने की कोशिश की है. कश्मीरी पंडितों की घर वापसी पर सवाल करते हुए उन्होंने कहा कि बीते 10 साल से आप सत्ता में हैं लेकिन बताइए कितने कश्मीरी पंडितों को आप, कश्मीर वापस लाए हैं. उन्होंने यह भी कहा कि देश के प्रधानमंत्री किसी एक व्यक्ति नहीं, बल्कि पूरे देस का प्रतिनिधित्व करते हैं.
फारूक अब्दुल्ला ने कहा, ‘हमें इस राष्ट्र का हिस्सा होने पर गर्व है लेकिन इस राष्ट्र की जिम्मेदारी न केवल हिंदुओं के प्रति है, बल्कि भारत में रहने वाले हर व्यक्ति के प्रति है. प्रधानमंत्री केवल एक रंग का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं, वह भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं. आप पिछले 10 वर्षों में कितने कश्मीरी पंडितों को वापस लाए हैं? यह मत कहो कि हम भारत का हिस्सा नहीं हैं, हम पाकिस्तानी हैं, गद्दार हैं. हम इस राष्ट्र का हिस्सा हैं.’
लोकसभा में और क्या बोले फारूक अब्दुल्ला?
फारूक अब्दुल्ला ने लोकसभा में कश्मीरी पंडितों जिक्र करते हुए महाराजा हरिसिंह का जिक्र किया. उन्होंने कहा, ‘केंद्र के मंत्री ने कहा कि जब से उनकी सरकार आई है जम्मू कश्मीर में बाल विवाह रुक गए हैं. लेकिन वह पूरी तरह गलत हैं. महाराजा हरि सिंह ने 1928 में एक एक्ट बनाया था जिसके तहत वहां बाल विवाहों पर पूरी तरह रोक लगी थी.’
फारूक अब्दुल्ला ने कहा, ‘हमें भारत में रहने पर गर्व है, लेकिन इस देश का भी कुछ कर्तव्य है. सिर्फ हिंदुओं के लिए नहीं. मुस्लिम, सिख, ईसाई सबके लिए. पीएम मोदी सिर्फ एक रंग का प्रतिनिधित्व नहीं करते. सबका करते हैं.’
– फारूक अब्दुल्ला ने कहा, ‘हमने कश्मीरी पंडितों को वापस लाने की कोशिश की. लेकिन तब उनपर हो रहे हमलों की वजह से योजना को रोका गया. आप बताएं कि केंद्र सरकार अबतक कितने कश्मीरी पंडितों को वापस कश्मीर में बसाने में सफल हुई. एक भी नहीं.’
फरूक अब्दुल्ला ने कहा, ‘कश्मीर को प्यार चाहिए. वहां शांति अभी नहीं आई है. तब ही आप जी20 के डेलिगेशन को गुलमर्ग नहीं लेकर गए. दोस्त बदले जा सकते हैं, पड़ोसी नहीं. दोस्त के साथ प्यार से रहेंगे तो दोनों तरक्की करेंगे. अगर आप में दम है तो युद्ध कर लीजिए. हम तो रोक नहीं रहे. लेकिन हमपर शक करना बंद कीजिए, क्योंकि हम इस वतन के साथ खड़े थे, खड़े हैं और खड़े रहेंगे. इसी तरह मणिपुर में भी मोहब्बत से काम करना होगा. प्यार से ही मसले सुलझेंगे.’