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Prashant Kishor: ‘नीतीश और तेजस्वी करते हैं जाति की राजनीति’, प्रशांत किशोर ने पूछा- जाति सर्वे के रिजल्ट की क्या होगी मान्यता

Prashant Kishor: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सिर्फ जाति की राजनीति कर जनता को आपस में ही उलझाकर रखने का काम करते हैं। बिहार के 13 करोड़ लोग जनगणना के मुताबिक सबसे गरीब और पिछड़े हैं। सरकार इसे क्यों नहीं सुधारती। बिहार में आज दलितों के बाद मुसलमानों की हालत सबसे खराब है, पर कोई इस पर बात नहीं कर रहा है।

उक्त बातें जनसुराज यात्रा के दौरान प्रशांत किशोर ने कहीं। वे प्रखंड मुख्यालय चौक पर लोगों से संवाद कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सर्वे और जनगणना में आसमान जमीन का फर्क है।

सर्वे की कोई कानूनी मान्यता नहीं है। राज्य सरकार ने इस बात को कभी स्पष्टता से नहीं बताया कि सर्वे का जो रिजल्ट आएगा, उसकी मान्यता क्या होगी?

प्रशांत किशाेर ने कहा कि उसकी मान्यता तो कुछ है नहीं। राज्य सरकार सर्वे कभी भी करा सकती है। मान लीजिए अगर लीगल एंटिटी मिल भी गई तो जातियों की गणना मात्र से लोगों की स्थिति सुधर जाएगी क्या?

बता दें कि प्रशांत किशोर पिछले 266 दिनों से बिहार में पदयात्रा कर रहे हैं। इस दौरान वे दो दिनों से प्रखंड के लखनपट्टी, कशोर, मोगलानीचक, चंदौली, गोही, रहुआ, मनियारपुर, धनहर, माधोपुर, रामपुर विशुन आदि गांवों में पदयात्रा कर लोगों से संवाद कर रहे हैं।

फिर से CM बनना चाहते हैं नीतीश

इससे पहले प्रशांत किशोर ने समस्तीपुर के शिवाजीनगर में बीते सोमवार को कहा था कि जो लोग बिहार में जाति आधारित गणना करा रहे हैं, उन्हें समाज के बेहतरी से लेना-देना नहीं है।

पीके ने यह भी कहा था कि जाति आधारित गणना के रूप में अंतिम दांव खेला गया है, ताकि समाज के लोगों को जातियों में बांटकर एक बार फिर किसी तरह चुनावी नैया पार लग जाए।

नीतीश कुमार समाज को जातियों में बांटकर एकबार फिर मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। उन्होंने यह तक कहा था कि जनगणना राज्य सरकार का विषय ही नहीं है

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