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Rajasthan में अब 9th क्लास से छोटे बच्चों की कोचिंग बैन, सरकार ने जारी किए ये आदेश

Jaipur: राजस्थान के कोटा में बच्चों की आत्महत्या रोकने के (Rajasthan) लिए बनाई गई उच्च स्तरीय कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। इसमें कहा गया कि नौवीं क्लास से पहले कोचिंग संस्थानों में प्रवेश नहीं दिया जाए। कोचिंग संस्थान असेसमेंट रिजल्ट सार्वजनिक नहीं करेंगे। इसके साथ ही डेढ़ दिन का. साप्ताहिक अवकाश दिया जाएगा। रिपोर्ट में दिए सुझावों की पालना के लिए मुख्य सचिव उषा शर्मा ने गुरुवार को बैठक ली। उन्होंने सभी निर्देशों की पालना कराने की जिम्मेदारी जिला कलक्टर व पुलिस अधीक्षक को दी है।

बच्चों में पढ़ाई के तनाव को कम करने के लिए हर संभव प्रयास किया

इस रिपोर्ट में कोचिंग संस्थानों को रिफंड पॉलिसी (Rajasthan) को अपनाने पर भी जोर दिया गया है। मुख्य सचिव ने कहा कि बच्चों में पढ़ाई के तनाव को कम करने के लिए हर संभव प्रयास किए जाने चाहिए। बैठक में कोचिंग संस्थान वाले वीसी से जुड़े थे।

कोचिंग संस्थान में ये बदलाव की जरुरत

  • वर्तमान में कोचिंग संस्थानों में पंजीकृत नवीं कक्षा से पूर्व के विद्यार्थी कोचिंग छोड़ना चाहें तो उन शेष अवधि की फीस लौटाएं।
  • कोचिंग में प्रवेश से पहले स्क्रीनिंग टेस्ट हो। ऑरिएंटेशन एवं काउंसलिंग से छात्र की रुचि का आकलन हो। इसके साथ अभिभावकों की भी काउंसलिंग की जाए। उन्हें विद्यार्थी की शैक्षणिक 1 स्थिति एवं अभिरुचि बताई जाए।
  • वैकल्पिक कॅरियर ऑप्शन बताए जाएं।
  • कोचिंग संस्थान प्रवेश के समय एल्फाबेटिकली बैचों का निर्धारण करें। उसमें परिवर्तन न हो।
  • कक्षा में उपलब्ध स्थान के अनुपात में ही विद्यार्थियों को प्रवेश दें।
  • कोचिंग संस्थान असेसमेंट टेस्ट रिजल्ट सार्वजनिक नहीं करें।
  • कोचिंग संस्थान पर्याप्त संख्या में योग्य एवं प्रशिक्षित मनोसलाहकारों एवं काउंसलर्स की नियुक्ति करें।

रिपोर्ट में आत्महत्या के ये बताए प्रमुख कारण

  • प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता की सीमित संभावना। टेस्ट पेपर (Rajasthan) कठिन होने से कोचिंग विद्यार्थियों में मानसिक दबाव एवं निराशा।
  • बच्चों की योग्यता और रुचि से अधिक पढ़ाई का बोझ एवं अभिभावकों की उच्च अपेक्षाएं।
  • असेसमेंट टेस्ट की अधिकता, परिणाम सार्वजनिक करना एवं विद्यार्थियों पर टिप्पणी करना तथा परिणाम के आधार पर कोचिंग में बैच सेग्रिगेशन करना।
  • कोचिंग संस्थानों का अत्यधिक व्यस्त कार्यकम।
  • कोचिंग में समुचित अवकाश की कमी, सह-शैक्षणिक गतिविधियों का अभाव व उबाऊ माहौल।

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