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Rajasthan: उदयपुर पहुंचा 70 फीट ऊंचा रावण, वर्षों से इस परंपरा से जुड़े हैं सरहद पार से आये सिंधी समाज के लोग

Jaipur: देशभर में नवरात्रि की धूम मची (Rajasthan) हुई है। जगह-जगह पूजा पाठ और पंडालों में डांडिया हो रहे हैं। वहीं अब रावण दहन का इंतजार हो रहा है। उदयपुर की बात की जाए तो यहां रावण दहन के लिए ऊंट गाड़ी से ग्राउंड में पहुंच चुका है। 70 फीट ऊंचा यह रावण 100 फीट ऊंची लंका के बाद जलेगा। रावण बनाने वाले समाज और इसे बनाने वाले कारीगर की भी एक कहानी है। जानिए उदयपुर के रावण दहन की कुछ खास बाते।

‘ऊंट गाड़ी से गांधी ग्राउंड पहुंचा, पार्टिशन के बाद पाकिस्तान से आए सिंधी समाज ने शुरू किया था’

उदयपुर में बनने वाले रावण की अनोखी बात यह है कि भारत पाकिस्तान का पार्टिशन हुआ था। सरहद पार से वतन सिंधी समाज के लोग उदयपुर भी आए और यहीं बसे 75 साल पहले सिंधी समाज की तरफ से ही इस रावण दहन करने की शुरुआत की गई थी। रावण को ऊंचाई 7 फीट से शुरू की थी। इसका कद बढ़ते बढ़ते अब 70 फीट तक हो गया है। इसे सिंधी समाज के बिलोचिस्तान भवन में बनाया जाता है। दशहरे के 3-4 दिन पहले उदयपुर शहर के गांधी ग्राउंड में लाया जाता है। इसके लाने के पीछे की अनोखा तरीका है। रावण के पुतले के अलग अलग पार्टिशन ऊंट गाड़ी में रखकर लाते हैं। शहर के कई लोग देखने भी आते हैं।

25 साल से मथुरा के शाकिर और उनका परिवार बना रहा रावण

सनातन धर्म सेवा समिति में हेमंत गखरेजा ने बताया कि गांधी ग्राउंड (Rajasthan) ने लाने के बाद दो दिन तक इसे असेंबल करने की प्रक्रिया की जाती है। इसी दौरान इसमें पठाखे रखे जाते हैं। असेंबल होने के बाद इसे खड़ा करने की प्रक्रिया होती है। वहीं उन्होंने बताया कि अब यह रावण पिछले करीब 25 साल से एक ही व्यक्ति बनाने आ रहे हैं। मथुरा के रहने वाले शाकिर ही इसे बनाते हैं। इनकी मदद के लिए और कोई नहीं उनके बेटे बहु, पोते पोतियां आते हैं. यानी हर साल पूरा परिवार रावण बनाने के लिए आता है और इसमें सिंधी समाज के लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं।

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