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China Respiratory Illness: चीन में लगातार बढ़ रहे रेस्पिरेटरी बीमारी के मामले, जानें भारत में इसका कितना खतरा

New Delhi: कोरोना महामारी का दंश झेल चुकी पूरी दुनिया (China Respiratory Illness) आज भी उस खौफनाक मंजर को भूल नहीं पाएं। इस गंभीर बीमारी की वजह से दुनियाभर में कई लोगों ने अपनी जान गंवाई थी। इस महामारी की शुरुआत चीन से हुई थी, जहां वुहान शहर से इसका पहला मामला सामने आया था और फिर धीरे-धीरे से इस वायरस से पूरी दुनिया में कोहराम मचा दिया था। इसी बीच अब चीन में एक और बीमारी कहर बरपा रही है। बीते कुछ समय से यहां पर लगातार रेस्पिरेटरी संबंधी बीमारी के मामले सामने आ रहे हैं।

चीन के अस्पतालों में बढ़ती जा रही मरीजों की संख्या

इस बीमारी की वजह से चीन के अस्पतालों में लगातार मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। कोरोना महामारी के बाद यहां एक और बीमारी के बढ़ते कहर से अब दुनियाभर में लोगों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंता बढ़ा दी है। आइए इस आर्टिकल में जानते हैं चीन में कहर बरपा रही इस रहस्यमयी बीमारी के बारे में वह सबकुछ, जो आपके लिए जानना जरूरी है-

कहां से हुई संक्रमण की शुरुआत?

बीते कुछ दिनों से चीन में श्वसन संबंधी (China Respiratory Illness) बीमारियों में वृद्धि देखने को मिल रही है। 13 नवंबर को यहां पहला मामला सामने आने के बाद लगातार कई मामले आने लगे। इस संक्रमण की शुरुआत चीन के उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों से हुई, जिसमें 800 किमी दूर बीजिंग और लियाओनिंग दो प्रमुख केंद्र हैं।खासतौर पर इस संक्रमण की वजह से अस्पताल में भर्ती होने वालों मरीजों में ज्यादातर बच्चे हैं। हालांकि, बच्चों के अलावा बुजुर्ग और गर्भवती महिलाएं भी इसकी चपेट में आ सकती हैं।

क्या यह कोरोना की तरह कोई नई महामारी है?

चीन में फैले इस संक्रमण को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल आ रहे हैं। कई लोगों का मानना है कि यह कोरोना की तरह एक नई महामारी की शुरुआत हो सकती है। हालांकि, अभी तक इसे लेकर कोई जानकारी सामने नहीं आई है। मामले में चीनी अधिकारियों का कहना है कि रेस्पिरेटरी संबंधी इस बीमारी की बढ़ोतरी के पीछे इन्फ्लूएंजा, माइकोप्लाज्मा निमोनिया, रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस (आरएसवी), और SARS-CoV-2 जैसे ज्ञात रोगजनक जिम्मेदार हैं। वहीं, डब्ल्यूएचओ के अनुसार, माइकोप्लाज्मा निमोनिया, एक सामान्य संक्रमण है, जो आम तौर पर छोटे बच्चों को प्रभावित करता है। 18 साल से कम उम्र के ज्यादातर मरीजों को इसके प्रभावित करने की संभावना है।

क्या है माइकोप्लाज्मा?

माइकोप्लाज्मा, एक जीवाणु प्रजाति, जो आमतौर पर बच्चों और युवाओं में हल्की बीमारियों की वजह बनती है। हालांकि, यह फेफड़ों के संक्रमण यानी निमोनिया की वजह भी बन सकता है। माइकोप्लाज्मा निमोनिया से होने ज्यादातर मामलों को हल्के रूप में जाना जाता है, जिसे स्थानीय रूप से ‘वॉकिंग निमोनिया’ नाम दिया गया है।

कैसे फैलता है माइकोप्लाज्मा संक्रमण?

किसी आम संक्रमण की ही तरह माइकोप्लाज्मा संक्रमित व्यक्तियों (China Respiratory Illness) के खांसने और छींकने के दौरान निकली बूंदों के संपर्क में आने से फैलता है। ऐसा माना जाता है कि इसके फैलने के लिए लंबे समय तक निकट संपर्क होना जरूरी है। परिवारों, स्कूलों और अन्य सार्वजनिक संस्थानों में इसका प्रसार धीरे-धीरे होता है। इस संक्रमण की अवधि आमतौर पर 10 दिनों से कम होती है, लेकिन कई बार यह ज्यादा बढ़ भी सकती है।

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