Rajasthan Election: चुनाव नतीजों से पहले बागेश्वर बाबा से ‘पर्ची’ निकलवाने पहुंची वसुंधरा राजे? चर्चा में धीरेंद्र शास्त्री के साथ की तस्वीर
Jaipur: राजस्थान विधानसभा चुनाव (Rajasthan Election) के नतीजे आने से पहले और एग्ज़िट पोल के नतीजे आने के बाद पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है। इस तस्वीर में राजे पर्ची वाले बाबा के नाम से चर्चित बागेश्वर धाम के पंडित धीरेन्द्र शास्त्री के साथ बैठी नज़र आ रही हैं। राजे के साथ उनके सांसद पुत्र दुष्यंत सिंह भी मौजूद दिख रहे हैं।
बाबा बागेश्वर से पर्ची निकलवाने पहुंची वसुंधरा राजे?
ये तस्वीर कब और कहां की है, इस बारे में भले ही पुष्टि नहीं हुई हो, लेकिन चुनावी हलचलों के बीच ये ताज़्ज़ेर ज़बरदस्त तरह से वायरल होने के साथ ही चर्चा का विषय बनी हुई है। वसुंधरा राजे की बागेश्वर बाबा से मुलाक़ात की सिर्फ यही एक तस्वीर है जो वायरल हो रही है। इस मुलाक़ात की कोई अन्य तस्वीर नहीं है। वायरल तस्वीर में बाबा बागेश्वर एक कुर्सी पर बैठे दिख रहे हैं, तो वहीं वसुंधरा राजे और दुष्यंत सिंह नीचे धरती पर बैठे दिख रहे हैं। वहीं एक अन्य नेता बागेश्वर बाबा के धोक लगाता भी नज़र आ रहा है, जिनका चेहरा नज़र नहीं आ रहा है। ये ‘अनजान’ नेता कौन है , इसे लेकर भी कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।
झालरापाटन से चुनाव लड़ रही हैं वसुंधरा राजे
ख़ास बात ये भी है कि इन दोनों प्रमुख शख्सियतों (Rajasthan Election) के बीच हुई मुलाक़ात के बारे में ना तो बाबा बागेश्वर ने और ना ही वसुंधरा राजे या दुष्यंत सिंह ने कोई जानकारी या तस्वीर सार्वजनिक रूप से साझा की है। गौरतलब है कि पूर्व सीएम वसुंधरा राजे एक बार फिर से चुनावी मैदान में किस्मत आज़मा रही हैं। वे झालावाड़ की अपनी परंपरागत झालरापाटन विधानसभा सीट से भाजपा की उम्मीदवार हैं। वहीं इस बार भी वे अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री पद के लिए प्रबल दावेदार के तौर पर बरकरार हैं। राजे के सामने कांग्रेस ने रामलाल चौहान को मुकाबले में उतारा है।
जानें कौन हैं पंडित धीरेन्द्र शास्त्री? 10 बड़ी बातें
- जन्म 4 जुलाई 1996 को मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के गढ़ा गांव में हुआ।
- इन्हें बागेश्वर धाम सरकार या बागेश्वर महाराज के नाम से भी जाना जाता है।
- छतरपुर जिले के एक धार्मिक तीर्थ स्थल बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश हैं।
- वे सामान्यतया बागेश्वर धाम में कथा वाचन करते हैं, लेकिन इन दिनों वे देश के विभिन्न जगहों और विदेशों तक में में प्रवचन देते हैं।
- इनपर पर्ची के माध्यम से भूत और भविष्य बताकर लोगों को बरगलाने का आरोप लगता रहा है, हालांकि टीवी चैनल्स या अन्य मीडिया द्वारा कई बार हुई ‘परीक्षा’ में वे पास भी हुए हैं।
- वे मां सरोज गर्ग और पिता राम कृपाल गर्ग के दो बच्चों में सबसे बड़े हैं।
- उनका पालन-पोषण हिंदू सरयूपारीण ब्राह्मण परिवार में हुआ था, जहां उनके पिता एक पुजारी का काम करते थे
- स्कूली शिक्षा गंज गांव से की, वे शास्त्री रामभद्राचार्य के शिष्य हैं।
- शास्त्री को रामचरितमानस और शिव पुराण के प्रचार के लिए जाना जाता है।
- उनका दावा है कि उनके अनुयायियों ने साधना के माध्यम से कुछ करिश्माई शक्तियां हासिल की हैं।