BRTS Corridor Jaipur: जयपुर में 515 करोड़ का BRTS कॉरिडोर हटाने की तैयारी, जेडीए ने सीएमओ को भेजी गोपनीय रिपोर्ट
Jaipur: राजधानी जयपुर में सुविधा से ज्यादा परेशानी (BRTS Corridor Jaipur) बन चुके बीआरटीएस कॉरिडोर को हटाने की तैयारी है। सीएमओ ने जेडीए से गोपनीय रिपोर्ट मांगी थी, पिछले रविवार को दफ्तर खुलवाकर भेजी गई। रिपोर्ट में इसके फेल होने के कारणों का हवाला देते हुए बीआरटीएस कॉरिडोर को खत्म करने के लिए 40 करोड़ खर्च बताया गया है। 16 किमी के कॉरिडोर पर 2006-07 में 515 करोड़ खर्च हुए थे। 246 करोड़ की अजमेर रोड एलिवेटेड का खर्च भी शामिल था।
16 साल में नही हुआ कोई उपयोग
16 साल में कॉरिडोर का उपयोग तक तय नहीं हो पाया। उल्टा ‘एक्सीडेंट जोन’ बनकर रह गया। इतने सालों में कोई सरकार इसका इलाज नहीं निकाल पाई। अब माना जा रहा है सरकार जल्द निर्णय लेगी। मंगलवार को भोपाल में भी बीआरटीएस हटाने का निर्णय लिया गया है। वहां के सीएम डॉ. मोहन यादव ने मुख्य सचिव से प्लान मांगा है।
खाचरियावास ने लिया था हटाने का निर्णय
गौरतलब है तत्कालीन परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास (BRTS Corridor Jaipur) ने कॉरिडोर को मौत का कुआं बताते हुए हटाने का निर्णय लिया था, लेकिन यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल नहीं माने। तर्क दिया 169 करोड़ केंद्र की जेएनएनयूआरएम स्कीम में मिले हैं, ऐसे में हटाने पर कई पचड़े होंगे। यूडीएच सचिव की अध्यक्षता में तीन आईएएस की कमेटी बनी, जिसकी रिपोर्ट ही नहीं आई।
कॉरिडोर हटाकर जगह के उपयोग के भी 2 प्लान दिए
- जिस 7.50 मी. में कॉरिडोर है, वहां ग्रीन लाइन बना दें।
- जगह को रोड में मर्ज करें और सर्विस रोड का दायरा रेलिंग लगा बढ़ा दिया जाए, ताकि छोटे व्हीकल निकल सके।
जेडीए ने कॉरिडोर फेल होने के 4 प्रमख कारण बताए
- कॉरिडोर अधूरा बना, उपयोग नहीं हुआ।
- बसें नहीं, जो चल रही उनकी फ्रिक्वेंसी नहीं।
- टिकटिंग व्यवस्था प्रॉपर नहीं।
- ट्रैफिक रेगुलेशन नहीं हो पाया।
सेफ्टी ऑडिट में फेल, 43 में से 39 पैमाने पूरे नहीं
2016 में न्यू सांगानेर रोड कॉरिडोर पर जेडीए ने सेफ्टी ऑडिट कराई। इस दौरान 11 चौराहों पर खामियां मिली। 2017 में भास्कर ने वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट से जांच कराई। 43 तय पैमानों में से कॉरिडोर 39 पैमानों पर फेल हुआ।
1% ट्रैफिक के लिए 25% सड़क पर कॉरिडोर
सीकर रोड व न्यू सांगानेर रोड पर 16 किमी कॉरिडोर है। 11-11 मीटर सड़क पर ट्रैफिक रेंगता है। सड़क के 25% कॉरिडोर में कुछ बसें आफत बनी है।
प्लान 46.8 किलोमीटर का था, लेकिन बना 16 किलोमीटर
कॉरिडोर का प्लान 46.8 किमी का था। सेंक्शन 39 किमी हुआ और काम 16 किमी में हुआ। कॉरिडोर अधूरा था, बसों तक की व्यवस्था नहीं की गई।
दिल्ली में कॉरिडोर हटा तो 63% हादसे व 40% जाम कम
2012 में सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट ने एक अध्ययन में कहा कि दिल्ली (BRTS Corridor Jaipur) बगैर बीआरटीएस के बेहतर है। 2015 में कॉरिडोर हटाया गया। इससे 63% हादसे कम हुए और 40% जाम भी घटा। 200 करोड़ के 5.5 किमी कॉरिडोर को हटाने में 10.98 करोड़ का खर्च आया था।