राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष Vasudev Devnani का दिल्ली में बयान- ‘नई शिक्षा नीति के तहत तैयार होगा इस भाषा का सिलेबस’
Jaipur: राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी (Vasudev Devnani) ने शुक्रवार को नई दिल्ली में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अधीन संचालित राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद की कार्यकारिणी की बैठक में भाग लिया। बैठक के दौरान देवनानी ने कहा कि बच्चों को पढ़ाए जाने वाली सिंधी भाषा के सिलेबस को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप तैयार किया जाएगा। इसके लिए एक कमेटी का गठन किया गया है जो एक महीने में इस काम को पूर्ण करके रिपोर्ट राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद को सौंप देगी।
जल्द ही सामने आएंगे सार्थक परिणाम
देवनानी ने बताया कि कार्यकारिणी की बैठक में परिषद द्वारा संचालित सिंधी लैंग्वेज लर्निंग कोर्स स्कीम (SLLCS) सिंधी भाषा के उत्थान के लिए चलाई जा रही ‘वॉलंटरी ऑर्गेनाइजेशन स्कीम्स’ के साथ-साथ सिंधी भाषा से संबंधित पब्लिकेशन स्कीम की समीक्षा की गई। साथ ही उनसे संबंधित सभी मुद्दों पर विचार विमर्श करके नवीन सुझावों को इस रिव्यू मीटिंग के दौरान काउंसिल के सदस्यों के समक्ष रखा गया। इसके सार्थक परिणाम जल्द ही देखने को मिलेंगे।
भाषा के विकास के लिए काम जरूरी
देवनानी ने बताया कि राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय (Vasudev Devnani) के अधीन संचालित है और केंद्र सरकार भाषाओं के विकास और उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है, इसलिए भाषा विकास परिषदों की भी यह जिम्मेदारी बनती है कि एक लोकप्रिय सरकार की मंशा के अनुरूप भाषा के विकास और उत्थान के लिए काम किया जाए, ताकि उस भाषा को जानने समझने और पढ़ने वाले लोगों का भला हो सके। आपको बता दें कि सिंधी भाषा पश्चिमोत्तर समूह और भारत-पाकिस्तान उपमहाद्वीप की एक प्रमुख साहित्यिक भाषा है। इसकी उत्पत्ति वेदों के लेखन या सम्भवत: उससे भी पहले सिन्ध क्षेत्र में बोली जाने वाली एक प्राचीन भारतीय-आर्य बोली या प्राथमिक प्राकृत से हुई है। ऋग्वेद के श्लोकों पर इस बोली का प्रभाव कुछ हद तक देखा जा सकता है।