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Ramcharitmanas controversy: रामचरितमानस विवाद पर मायावती ने दी प्रतिक्रिया, ट्वीट कर बीजेपी और सपा को घेरा

मायावती (Mayawati) ने सोमवार को कहा कि सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने रामचरितमानस के खिलाफ विवादित बयान दिया जिस पर अभी तक सपा नेतृत्व ने चुप्पी साध रखी है

Ramcharitmanas controversy : समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) की रामचरितमानस विवाद (Ramcharitmanas controversy) टिप्पणी पर जुबानी जंग शुरु हो गई हैं। इस टिप्पणी के बाद भी सपा नेता को पार्टी में राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है। वहीं दूसरी ओर बीजेपी इस मामले में अखिलेश यादव से जवाब मांग रही है। इसी बीच बयान पर मचे सियासी घमासान में अब बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती (Mayawati) की एंट्री हो गई हैं। मायावती ने ट्वीट कर बीजेपी और सपा को घेरा है।

रामचरितमानस के खिलाफ विवादित बयान दिया

मायावती (Mayawati) ने सोमवार को कहा कि सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने रामचरितमानस के खिलाफ विवादित बयान दिया जिस पर अभी तक सपा नेतृत्व ने चुप्पी साध रखी है जिससे साफ होता है कि भाजपा (BJP) की तरह सपा भी राजनीतिक स्वार्थ के लिये जाति धर्म का ध्रुवीकरण करना चाहती है। सर्वसमाज को ऐसी घृणित राजनीति का शिकार होने से बचना चाहिये।

मायावती ने ट्वीट किया

बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने ट्वीट किया, संकीर्ण राजनीतिक व चुनावी स्वार्थ हेतु नए-नए विवाद खड़ा करके जातीय व धार्मिक द्वेष, उन्माद-उत्तेजना व नफरत फैलाना, बायकाट कल्चर, धर्मान्तरण को लेकर उग्रता आदि भाजपा की राजनीतिक पहचान सर्वविदित है किन्तु रामचरितमानस की आड़ में सपा का वही राजनीतिक रंग-रूप दुःखद व दुर्भाग्यपूर्ण।

दोनों पार्टियों की मिली भगत

मायावती ने आगे कहा, “रामचरितमानस के विरुद्ध सपा नेता की टिप्पणी पर उठे सवाल व फिर उसे लेकर बीजेपी की प्रतिक्रियाओं के बावजूद सपा नेतृत्व की चुप्पी से साफ है कि इसमें दोनों पार्टियों की मिलीभगत है जिससे आने वाले चुनावों में जनता के ज्वलन्त मुद्दों के बजाए हिन्दू-मुस्लिम उन्माद पर पोलाराइज किया जा सके।” वहीं एक अन्य टिवीट के द्वारा मायावती ने बीजेपी और सपा पर एकसाथ निशाना साधते हुए कहा, “उत्तर प्रदेश में विधानसभा के हुए पिछले आमचुनाव को भी सपा-भाजपा ने षडयंत्र के तहत मिलीभगत करके धार्मिक उन्माद के द्वारा घोर साम्प्रदायिक बनाकर एक-दूसरे के पूरक के रूप में काम किया, जिससे ही भाजपा दोबारा से यहाँ सत्ता में आ गई। ऐसी घृणित राजनीति का शिकार होने से बचना जरूरी।”

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