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Success Story : इंजीनियरिंग में 56% नंबर – 8 बार Failure लेकिन नहीं हारी हिम्मत अब बने UPSC टॉपर

Success Story : साल 2018 में UPSC IES (इंडियन इंजीनियरिंग सर्विस) परीक्षा में 32वीं रैंक पाने वाले वैभव छाबड़ा की कहानी हर औसत छात्र के लिए प्रेरणादायक है. तीन साल की अटूट मेहनत और अलग तरह की स्ट्रेटजी से उन्होंने इस परीक्षा में टॉप किया. सिविल सर्विस एग्जाम पास करने का सक्सेस रेट 0.2% है। 1000 में 2 लोग इस एग्जाम को क्लियर कर पाते हैं। आज की Success Story भी ऐसे उम्मीदवार की है, जो एस एग्जाम में बार-बार फेल हुआ, लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी और फिर 2018 में उन्हें सफलता मिली।आइए जानें- क्या था उनकी तैयारी का तरीका. 

Success Story : वैभव छाबड़ा मूल रूप से दिल्ली के रहने वाले हैं. उन्होंने नेताजी सुभाष इंस्टीट्यूट से बीटेक की परीक्षा 56% नंबरों से पास की थी. एक वीडियो इंटरव्यू में वो कहते हैं कि मेरा पढ़ने में बिल्कुल मन नहीं लगता था, लेकिन मुझे एक ऐसी कुंजी मिल गई जिससे तीन साल में मैंने अपनी मंजिल पा ली.

Success Story : वो बताते हैं कि कॉलेज के बाद वह एक कोचिंग इंस्टीट्यूट में पढ़ाते थे. वहां वो फिजिक्स पढ़ाते थे. यहीं पहली बार उनके दिमाग में आया कि वो इस नौकरी के लिए नहीं बने हैं, बल्क‍ि उन्हें कुछ और बड़ा करना है.

Success Story : वो इंजीनियरिंग करके एक अच्छी नौकरी भी कर रहे थे. तभी उन्होंने तय कि अब उन्हें कुछ बड़ा और बेहतर करना है. यही सोचकर उन्होंने नौकरी छोड़ दी.

वैभव कहते हैं कि जब आप आगे बढ़ते हैं तो बहुत से लोग आपको सलाह देते हैं. मुझे भी लोगों ने कहा कि ये इतना आसान फैसला नहीं है. उनकी राय में तैयारी के लिए मन बनाने के बाद सबसे जरूरी होता है इस तरह की किसी नकारात्मकता से दूर रहना.

तैयारी शुरू की तो पता चला कि इस परीक्षा की तैयारी में आठ से दस घंटे देने होते हैं. लेकिन उनका पढ़ाई में मन नहीं लगता था तो वो कुछ ही घंटे दे पाते थे. लगातार असफलताओं ने वैभव को सिखाया कि कैसे अपनी तैयारी को और बेहतर करना है. इस तरह वो आठ बार फेल होकर भी तैयारी से पीछे नहीं हटे और आज वो आईईएस अफसर हैं.

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