हरियाणा में गांव की अनाथ बेटी के यहां भात भरने की रस्म निभाने उमड़ा पूरा गांव , इतने लाख रुपये का भरा भात
हरियाणा (haryana ) के फतेहाबाद के दो बेटियों की शादी की कहानी भावुक कर देनी वाली है। शादी में ननिहाल की तरफ से भात भरने की रस्म निभाने वाला कोई नहीं था, हरियाणा में रहने वाली दो बेटियों की मां मीरा देवी के न तो माता-पिता जीवित हैं ना भाई. मीरा देवी अपनी दो बेटियों की शादी से पहले पीहर पहुंचीं ,मॉं के कंधों पर बेटियों की शादी की जिम्मेदारी थी। परिवार के सामने बड़ा सवाल यह था कि भात भरने की रस्म कौन निभाएगा। दुखी मॉं ने अपने भाई की समाधि पर ही टीका लगाकर न्यौता दे दिया। यह देखकर गांव वाले भावुक हो गए और बेटियों के भात भरने की रस्म निभाने का फैसला लिया। अचानक शादी में बेटियों के ननिहाल के गांव के 700 लोग पहुंचे और भात भरने की रस्म को पूरा किया। यह देखकर सभी के आंखों में आंसू छलक आए। भावुक कर देने वाली इस शादी की पूरे प्रदेश में चर्चा है।
क्या है भात की कथा?
भात भरने के लिए, मानो जैसे भगवान श्री कृष्ण मीरा के द्वार पहुंचे गए हों.मीरा देवी भात भरने आए गांव के लोगों को टीका करने में पांच घंटे लग गए. इस भात में 10 लाख नगद राशि आई है. इसके साथ ही मीरा देवी और उसकी बेटियों और अन्य परिवार के सदस्यों के लिए कपड़े अलग से दिए गए हैं. महिलाओं की संख्या इसमें खूब रही. हरियाणा में एक पौराणिक कथा बहुत ही प्रचलित है. जिसमें बताया गया है कि नरसी भगत की बेटी हरनंदी के भात में भगवान श्रीकृष्ण पहुंचे थे.
कौन है मीरा ?
हरियाणा (haryana ) : मीरा घर में अकेली थी. वही मीरा के पीहर में भी उनके पिता जोगाराम बेनीवाल का पहले ही देहांत हो गया था. मीरा का एकमात्र भाई संतलाल अविवाहित था. उसका भी देहांत हो गया था. संतलाल की गांव में ही समाधि बना दी गई थी. मीरा की दो बेटियां मीनू और सोनू हैं. जिनका लालन-पालन मीरा देवी ने ही किया फतेहाबाद के भट्टूकलां क्षेत्र के गांव जांडवाला बागड़ में महाबीर माचरा के साथ मीरा का विवाह हुआ था। समय के साथ मीरा के मायके में भी कोई नहीं बचा।
गांव से महिलाएं भी आईं, लगाया टीका
हरियाणा (haryana ) : मीनू और सोनू मीरा की दो बेटियां हैं। मीरा ने ही उनका लालन पालन किया है और अब उनकी शादी तय कर दी थी, जो जिले के जांडवाला बागड़ गांव में हो रही थी। विवाह के दौरान भात भरने की रस्में भी निभाई जाती हैं। पर बेटियों के ननिहाल में कोई जीवित नहीं बचा था, जो भात भरने की रस्म पूरा करने आ सके तो मीरा नेठराना गांव स्थित अपने भाई की समाधि पर पहुंच गईं और टीका लगाकर भात भरने का न्यौता दिया। यह देखकर पूरा गांव भावुक हो गया और बेटियों की शादी में पूरा गांव भात भरने की रस्म निभाने उमड़ पड़ा। गांव के पुरुष और महिलाओं समेत 700 लोग समारोह में पहुंचे तो देखने वाले दंग रह गए। सबकी आंखों से आंसू निकल रहे थे और फिर बुधवार देर रात लड़कियों ने दूल्हों के साथ सात फेरे लिए और शादी के बंधन में बंध गईं।
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