लाइफ़स्टाइल

UPSC Success Tips : जॉब के साथ कैसे क्रैक करें UPSC एग्जाम, IPS नवदीप ने दिए टिप्स

UPSC Success Tips : मन में किसी मुकाम को पाने का जनून लग जाए तो मंजिल खुद-ब-खुद उसकी तरफ दौड़ी चली आती है। ऐसा ही जनून छावनी के संत लाल रोड़ निवासी सुप्रसिद्ध कारोबारी गोबिद राम अग्रवाल के बेटे नवदीप अग्रवाल पर चढ़ा था। नवदीप अग्रवाल ने यूपीएससी में देश भर में 150 वां रैंक हासिल कर पूरे जिले का नाम रोशन किया हैं।

आईपीएस नवदीप ने डीएफओ और फिर पंजाब स्टेट फॉरेस्ट डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन में रीजनल मैनेजर पद पर काम करते हुए पाया कि उन्हें प्रशासन और पुलिस के साथ काफी नजदीक से मिलकर काम करना पड़ता है. जिसके बाद उन्होंने एक बार फिर से यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा (UPSC CSE) में बैठने का फैसला किया. आईपीएस नवदीप अग्रवाल बताते हैं कि दोबारा यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में बैठने के फैसले का उनकी वाइफ ने भी सपोर्ट किया. परीक्षा देने के लिए तैयार होने में करीब एक साल का वक्त लगा.उन्होंने दिन-रात एक करके तैयारी पर ध्यान केंद्रित किया, जिस कारण उन्हें पहली बार परीक्षा देने पर सफलता हाथ लगी। परिवार में इकलौते आइपीएस

नवदीप बताते हैं कि उनकी शादी चंदन प्रिया के साथ हुई है, जोकि पंजाब नेशनल बैंक मोगा में सीनियर मैनेजर के पद पर तैनात हैं। उन्होंने बताया कि दोनों पति-पत्नी ने एक साथ यूपीएससी की तैयारी शुरू की, उनकी पत्नी अगली बार यह परीक्षा देगी। उन्होंने कहा कि वह परिवार में पहले ऐसे व्यक्ति है, जिन्होंने आइपीएस की परीक्षा पास की है।

पत्नी भी कर रही तैयारी

नवदीप ने बीटेक के अलावा एमएससी मैथ की है। 31 वर्षीय नवदीप की दो बहने रसलीन गोयल व प्रियंका गुप्ता है, जोकि दोनों विवाहित हैं। उन्होंने कहा कि सरकार उन्हें जो भी स्टेट देगी, वहां पर वह वूमेन इम्पॉवरमेंट पर ज्यादा फोकस करेंगे। उनके द्वारा राज्य व क्षेत्र की परिस्थिति के मुताबिक दिन-रात एक एक करके काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर पंजाब में सेवाएं देने का मौका मिला तो वह खुद को खुशनसीब समझेंगे।

आईपीएस नवदीप बताते हैं डीएफओ की नौकरी के मुकाबले नई पोस्टिंग में समय मिल जाता था. इसलिए सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे के बीच पढ़ाई के लिए तीन घंटे निकाल लेते थे. कर्मचारियों को नोट्स लिखवाने और फाइनल प्रिंटेड ड्रॉफ्ट्स के बीच प्रीलिम्स के क्वेश्चन सॉल्व कर लिया करता था. साथ ही लॉक डाउन के कारण मीटिंग ऑनलाइन या कॉन्फ्रेंस कॉल पर हो जाती थी.

आईपीएस नवदीप दोपहर का भोजन ऑफिस में ही कर लिया करते थे. साथ ही छुटि्टयों और वीकेंड के दौरान प्रतिदिन 14 घंटे तक पढ़ाई कर लिया करते थे. वह सलाह देते हैं कि जो कामकाजी उम्मीदवार समय नहीं निकाल पा रहे हैं उन्हें प्रीलिम्स और मेन्स एग्जाम से पहले कम से कम दो महीने पहले छुट्‌टी ले लेनी चाहिए.

आईपीएस नवदीप अग्रवाल सलाह देते हैं कि सिविल सेवा की तैयारी के दौरान भावनाओं पर नियंत्रण रखें और यदि असफलता मिले तो भी आशावादी बने रहें. सिविल सर्वेंट बनने के सफर में सकरात्मक दृष्टिकोण और इमोशनल इंटेलिजेंस की बहुत जरूरत है. वह कहते हैं, मैं केवल उन्हीं चीजों पर फोकस करता था जो मेरे नियंत्रण में होती थीं और बाकी को छोड़ देता था. नवदीप बताते हैं कि उन्होंने ऑफिस के साथ अपनी बेटी और परिवार को भी वक्त दिया. उन्होंने सिर्फ सोशल मीडिया अकाउंट्स, ऑफिस पार्टी और फ्रेंडली गेट टू गेदर से दूरी बनाकर रखी.

आईपीएस नवदीप सिंह रिवीजन को काफी महत्वपूर्ण बताते हैं. उन्होंने सबसे पहले तो समाज शास्त्र के नोट्स तैयार किए. इसके बाद प्रीलिम्स के लिए करीब 10 हजार से अधिक प्रश्न सॉल्व किए. इसके बाद बनाए गए नोट्स के बार बार रिवीजन किए. वह कहते हैं कि कम से कम दो तीन बार रिवाइज किए बिना तो इतना सब बनाए रखना असंभव है.

यह भी पढ़े : Success Story : इंजीनियरिंग में 56% नंबर – 8 बार Failure लेकिन नहीं हारी हिम्मत अब बने UPSC टॉपर

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button