राजस्थान चुनाव 2023

Bharatpur: अपराध के गढ़ मेवात में महिला सरपंच ने जगाई शिक्षा की अलख, 150 लड़कियों को स्कूल से जोड़ा

Bharatpur: राजस्थान में भरतपुर का मेवात इलाका मिनी जामताड़ा के नाम से भी जाना जाता है. मेवात इलाके के ज्यादातर युवा आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहते हैं. शिक्षा का स्तर बहुत कम होने की वजह से मेवात इलाके में लूट, टटलूबाजी, ठगी, हत्या, गौ तस्करी, सेक्सटॉर्शन जैसे अपराध आम हैं. मेवात इलाके में 15 राज्यों की पुलिस साइबर अपराधियों को कॉल डिटेल और लोकेशन के आधार पर पकड़ने पहुंचती है. लगभग डेढ़ वर्ष पहले सरपंच बनी कम्मो बेगम ने मेवात इलाके की लड़कियों को शिक्षा से जोड़ने का बीड़ा उठाया है. सरपंच कम्मो बेगम अपनी ग्राम पंचायत बिलंग में लड़कियों को शिक्षा के लिए प्रेरित कर रही हैं.

पढ़ाई छोड़ चुकी लड़कियों के माता-पिता को भी सरपंच कम्मो बेगम समझाइश देती हैं. उन्होंने ग्रेजुएशन और राजस्थान स्टेट सर्टिफिकेट ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ( RSCIT) का कोर्स किया हुआ है. सरपंच कम्मो बेगम बच्चियों को स्कूल भेजने, यूनिफार्म दिलाने और पुस्तक उपलब्ध कराने में मदद भी करती हैं. कम्मो के सेवा भाव को देखकर ग्रामीणों ने सरपंच का चुनाव लड़ाया. उन्होंने चुनाव में प्रतिद्वंदी उम्मीसवार को लगभग 1000 मतों से पराजित कर विजय हासिल की.

महिला-पुरुष की साक्षरता दर है चिंता का विषय

2011 की जनगणना के अनुसार, भरतपुर में साक्षरता दर 78.99 फीसद है. पुरुष साक्षरता दर 88.10 फीसद और महिलाओं का साक्षरता दर 68.78 फीसद है. मेवात क्षेत्र में पुरुषों की 55 फीसद और महिलाओं की 40 फीसद साक्षरता दर है. मेवात क्षेत्र साक्षरता दर की कमी और ड्रॉपआउट का सामना कर रहा है. ज्यादातर लोग अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते हैं. ग्रामीण क्षेत्र में सरकारी और निजी स्कूलों के शिक्षक घर- घर जाकर बच्चों को दाखिला करने के लिए राजी करते हैं.

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मेवात इलाके में अधिकतर लड़कियां कक्षा 8वीं तक पढ़ाई की है. शादी के बंधन में बंधने की वजह से बच्चियों की पढ़ाई छूट गई. सरपंच कम्मो बेगम अब तक गांव की लगभग 150 से अधिक लड़कियों को स्कूल भेजने में सफल रही हैं. उनके माता-पिता शिक्षा के महत्व को समझते थे. कम्मो बेगम लड़कियों को शिक्षा के लिए प्रेरित करती हैं और यूनिफॉर्म, किताबें मुहैया कराने में मदद करती हैं. मेवात क्षेत्र में लोग शिक्षा के प्रति जागरूक नहीं हैं और कभी भी अपनी बच्चियों को स्कूल नहीं भेजना चाहते थे, लेकिन अब मान गए हैं और लड़कियों को स्कूल भेज रहे हैं.

सरपंच ने कहा कि मैं शिक्षा के महत्व को बेहतर ढंग से समझती हूं.  मैं शिक्षित हूं और सरपंच बनी हूं. शिक्षा हमें स्वतंत्रता और अधिकारों के बारे में बताती है. कम्मो बेगम ने कहा कि मेरा ध्यान ज्यादा बेटियों की शिक्षा पर है क्योंकि मेवात क्षेत्र में बेटियां पिछड़ी हुई हैं. मैं गांव में जाकर लड़कियों के माता पिता को समझाती हूं कि बेटियां भी बेटे से काम नहीं हैं. सभी ग्रामीण हमेशा मुझे आगे बढ़ने के लिए समर्थन देते हैं. मैं भी गांव की समस्याओं पानी -बिजली-रास्ता के लिए खुद खड़े होकर काम करवाती हूं. 

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