National Technology Day 2023: आज है नेशनल टेक्नोलॉजी डे, जानें क्या है इस बार की खास थीम
Tech: भारत का नाम तेजी से विकसित होने वाले देशों की (National Technology Day 2023) सूची में लंबे समय से आता रहा है। भारत के विकास के लिए टेक्नोलॉजी का एक बड़ा योगदान रहा है। आज भारत में नेशनल टेक्नोलॉजी डे मनाया जाएगा। देश भर में सरकारी संस्थाओं, स्कूल-कॉलेज में टेक्नोलॉजी डे के अवसर पर प्रोग्राम रखे गए हैं।
पीएम मोदी करेंगे कार्यक्रम का उद्घाटन
यह दिन देश के विकास में इंजीनियर, वैज्ञानिकों की महत्वूपूर्ण भूमिका निभाए जाने और उन्हें इसका श्रेय देने के लिए खास है। नेशनल टेक्नोलॉजी डे के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रगति मैदान में कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे। पीएम मोदी कार्यक्रम के लिए आज सुबह 10:30 बजे प्रगति मैदान पहुंच गए है।
टेक्नोलॉजी डे को पूरे हुए 25 साल
टेक्नोलॉजी डे हर साल एक नई थीम के साथ मनाया जाता है। इस साल टेक्नोलॉजी डे की थीम ‘स्कूल टू स्टार्टअप्स-इग्नाइटिंग यंग माइंड्स टू इनोवेट’ (‘School to Startups-Igniting Young Minds to Innovate) रखी गई है। यह देश में नेशनल टेक्नोलॉजी डे का 25वां साल है।
पीएम मोदी देश के लिए कई प्रोजेक्ट की करेंगे घोषणा
पीएम मोदी कार्यक्रम (National Technology Day 2023) की आधारशिला रख टेक्नोलॉजी डे के मौके पर देश के लिए कई प्रोजेक्ट की घोषणा करेंगे। साइंस और टेक्नोलॉजी के के क्षेत्र में आज 5800 करोड़ रुपये से ज्यादा का खर्च तय किया जाएगा। इन प्रोजेक्ट्स में लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रेविटेशनल-वेव ऑब्जर्वेटरी-इंडिया, हिंगोली; होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, जटनी, ओडिशा और टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल, मुंबई का प्लेटिनम जुबली ब्लॉक जैसे प्रोजेक्ट शामिल रहेंगे।
जानें क्यों मनाया जाता है यह दिन
दरअसल नेशनल टेक्नोलॉजी डे के इतिहास से भारत की दो बड़ी शख्सियतों का नाम जुड़ा है। यह देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के नाम से जुड़ा है। टेक्नोलॉजी डे मनाने का श्रेय इन दो लोगों को ही जाता है। दरअसल भारत ने साल 1998 में पोखरण-II न्यूक्लियर टेस्ट में एक बड़ी सफलता अपने नाम की थी। इस टेस्ट को तत्कालिन राष्ट्रपति लीड कर रहे।
वहीं पोखरण-I भारत की पहला न्यूक्लियर टेस्ट था। पहला न्यूक्लियर टेस्ट साल 1974 में किया गया था। इसे स्माइलिंग बुद्धा के नाम से जाना जाता है। पोखरण-II की बात करें तो भारतीय सेना ने टेस्ट रेंज से पांच न्यूक्लियर धमाके किए थे। इस न्यूक्लियर टेस्ट का कोड नेम शक्ति-I न्यूक्लियर मिसाइल था। भारत को न्यूक्लियर टेस्ट में मिली सफलता के बाद ही तत्कालिन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 11 मई का दिन टेक्नोलॉजी डे के नाम किया था।
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