Karnataka : 73 प्रतिशत से ज्यादा वोटिंग के क्या हैं मायने, कर्नाटक में बीजेपी सरकार आएगी या जाएगी?
Karnataka : कर्नाटक विधानसभा के 224 सीटों के लिए 2,615 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में बंद हो चुकी है. 10 मई को वोटिंग के दौरान मतदाताओं ने जमकर मतदान किया और 1957 के बाद के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए. चुनाव आयोग के मुताबिक कर्नाटक में 73.19% मतदान हुआ है.
2018 के मुकाबले यह करीब एक फीसदी ज्यादा है. बेंगलुरु ग्रामीण में 85% और ओल्ड मैसूर में 84% वोटिंग हुई है. आयोग ने बताया कि मेलकोट विधानसभा सीट पर सबसे ज्यादा 91% मतदान हुआ है, जबकि बोमनहल्ली में सबसे कम 47.4% की वोटिंग हुई है.
कर्नाटक में बंपर वोटिंग और एग्जिट पोल के आंकड़ों ने राजनीतिक दलों की धड़कन बढ़ा दी है. चुनावी विश्लेषक अमिताभ तिवारी के मुताबिक मतदान प्रतिशत जब भी बढ़ता है तो इसका असर सत्ताधारी दल पर सबसे अधिक पड़ता है.
बात पहले राजधानी बेंगलुरु से
बेंगलुरु ग्रामीण इलाके में सबसे अधिक 85 फीसदी मतदान हुआ है, जबकि शहरी इलाके में 54 फीसदी. बेंगलुरु जोन में विधानसभा की कुल 28 सीटें हैं. एक्सिस माय इंडिया के एग्जिट पोल में बेंगलुरु में कांग्रेस को बढ़त दिखाया गया है.
पोल में 28 में से 17 सीटों पर कांग्रेस और 10 सीटों पर बीजेपी को बढ़त दिखाया गया है. बेंगलुरु ग्रामीण जिले में विधानसभा की 8 सीटें हैं. यह जिला कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार का गढ़ माना जाता है.
बेंगलुरु के शहरी इलाका बीजेपी का गढ़ माना जाता है. ऐसे में यहां वोटिंग कम हुई है. एग्जिट पोल में भी शहरी इलाकों में बीजेपी को ही बढ़त दिखाई गई है.
हालांकि, शहरी बेंगलुरु में मतदान फीसदी में कमी पर विश्लेषकों ने चिंता जताई है. इन्फोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति ने कहा है कि यह काफी दुखद है.
मध्य कर्नाटक का क्या है हाल?
मध्य कर्नाटक बीएस येदियुरप्पा का दुर्ग माना जाता रहा है, लेकिन इस बार यहां बंपर वोटिंग ने बीजेपी की टेंशन बढ़ा दी है. डेटा के मुताबिक मध्य कर्नाटक में करीब 75 फीसदी मतदान हुआ है, जो कुल मतदान से 2 प्रतिशत अधिक है.
एग्जिट पोल में भी बंपर वोटिंग का असर देखने को मिल रहा है. मध्य कर्नाटक में विधानसभा की कुल 35 सीटें हैं. सी-वोटर के एग्जिट पोल के मुताबिक सेंट्रल कर्नाटक में कांग्रेस को 35 में से 18 से 22 सीटें मिल सकती हैं, जबकि बीजेपी को महज 12 से 16 सीटें मिल सकती हैं.
तीसरी बड़ी पार्टी जेडीएस को 0 से 2 और एक सीट अन्य को जाती हुई दिख रही है. 2018 में बीजेपी ने यहां की 24 सीटों पर जीत दर्ज की थी.
सेंट्रल कर्नाटक में वोटिंग प्रतिशत की बात करें तो सी-वोटर के मुताबिक कांग्रेस को यहां 44 फीसदी, बीजेपी को 29 फीसदी और जेडीएस को 10 फीसदी वोट मिल सकता है.
तटीय कर्नाटक की स्थिति क्या है?
हिजाब और पीएफआई का विवाद कर्नाटक के तटीय इलाके से ही शुरू हुआ था. उडुपी तटीय कर्नाटक में ही आता है. कर्नाटक के तटीय इलाके में विधानसभा की कुल 21 सीटें हैं. मिश्रित आबादी वाला तटीय कर्नाटक बीजेपी का गढ़ रहा है.
तटीय कर्नाटक में इस बार 75 फीसदी वोटिंग हुई है. सी-वोटर के एग्जिट पोल के मुताबिक यहां की 21 सीटों में बीजेपी को 15 से 19 सीटें मिल सकती हैं तो कांग्रेस को सिर्फ 2 से 6 सीटों मिलने का अनुमान है.
2018 में भी बीजेपी ने 21 में से 18 सीटों पर जीत हासिल की थी. कांग्रेस ने इस बार तटीय कर्नाटक को जीतने के लिए अलग से 10 सूत्रीय योजना की घोषणा की थी.
हालांकि, एसडीपीआई का चुनाव लड़ना यहां कांग्रेस के लिए शुरू से ही नुकसान माना जा रहा है. एसडीपीआई करीब 16 सीटों पर चुनाव लड़ रही है.
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