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Sachin Pilot: सबसे कम उम्र में बने सांसद, एयर फॉर्स में जानें का था सपना, मेडिकल से हुए बाहर, जानें फिर कैसे बने एक राजनेता

Jaipur: सचिन पायलट (Sachin Pilot) को राजनीति की दुनिया में कौन नहीं जानता है। वे भारत के एक लोकप्रिय नेता के रूप में जाने जाते है। जो सबसे कम उम्र के संसद के सदस्य बने थे। बता दें कि सचिन कांग्रेस की तरफ से राजस्थान में एक पॉलिटिशियन के रूप में काम करते है। वह राजस्थान के उपमुख्यमंत्री भी रह चुके है। और वर्तमान में राजस्थान के टोंक विधानसभा क्षेत्र में MLA पद पर कार्य कर रहे है। सचिन पायलट में देश सेवा का ऐसा भाव है कि राजनीति के साथ-साथ टेरिटोरियल आर्मी में भी अपनी सेवाएं दे रहे हैं और उनका ये देश सेवा का भाव हम सभी को गौरवान्वित करता है। चलिए तो आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको सचिन पायलट के जीवन परिचय,उम्र, अफेयर, पत्नी करियर, शिक्षा, परिवार के बारें में बताने जा रहे हैं।

राजनैतिक के परिवार में हुआ जन्म

सचिन पायलट (Sachin Pilot) का जन्म 7 दिसंबर 1977 को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में हुआ था। जानकारी के लिए बता दें सचिन 2014 से 2020 तक राजस्थान राज्य के कांग्रेस कमीटी के अध्यक्ष रहे है। जिसके बाद उन्हें 2020 में उप मुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया। सचिन के पिता का नाम स्वर्गीय राजनेता राजेश पायलट के पुत्र है। उनकी माता का नाम रमा पायलट है। उनकी एक बहन भी है जिसका नाम सारिका पायलट है। सचिन ने राजनीति के साथ मोटिवेशनल स्पीकर के तौर पर भी काम किया है। बता दें कि सचिन पायलट के पिता राजेश पायलट भी राजस्थान के दिग्गज नेताओं में से एक थे।

अमेरिका के पेंसिलवानिया से की MBA की पढ़ाई

सचिन पायलट (Sachin Pilot) की शिक्षा की बात की जाएं तो वह एक बहुत ही होशियार छात्र रहे है। उन्होंने दिल्ली के आर्मी स्कूल से अपनी पढाई शुरू की लेकिन बीच में ही वह स्कूल छोड़ कर न्यू दिल्ली के एयर फॉर्स बाल भर्ती स्कूल में पढ़ने लगे थे। जिसके बाद सचिन ने सेंट स्टीफेंस कॉलेज (दिल्ली युनिवर्सिटी) से इंग्लिश लिट्रेचर में ग्रेजुएशन डिग्री प्राप्त की। फिर सचिन ने अमेरिका के पेंसिलवानिया युनिवर्सिटी में स्थित वार्टन स्कूल ऑफ़ बिज़नेस से उन्होंने MBA की डिग्री हासिल की।

एयरफॉर्स में जाने का था सपना

सचिन का परिवार शुरू से ही पॉलिटिक्स से जुड़ा हुआ था जिसके कारण उन्हें अमेरिका से वापस आने के बाद उन्होंने भारतीय राजनीती में अपने आप को शामिल कर लिया और उनके अच्छे नेचर की वजह से उन्हें भारतीय राजनीती का नया फ्यूचर समझा गया। वह प्रेजेंट में नए यूथ्स के लिए एक आइडियल है। सचिन ने एक इंटरव्यू में ये बताया था कि उन्हें छोटे से ही एयर फॉर्स में जाने का इंट्रेस्ट था लेकिन उनकी कमजोर ऑय साइट के कारण उन्हें मेडिकल में निकाल दिया था जिसके बाद वह अपने पिता के नक्शे क़दमों पर चलते गए और खुद को भी पॉलिटिक्स में शामिल कर दिया। जिसके बाद वह कांग्रेस पार्टी के साथ जुड़कर बेहतरीन तरीके से राजस्थान सरकार के डिप्टी चीफ मिनिस्टर और विधायक के पोस्ट पर कार्यरत रहे।

MBA की पढ़ाई के दौरान हुआ प्यार

सचिन पायलट (Sachin Pilot) की पत्नी का नाम सारा पायलट है। जिस समय सचिन पायलट अपनी MBA की पढाई के दौरान अमेरिका के गए थे तब उनकी मुलाकात सारा अब्दुलाह नाम की लड़की से हुई थी। जिसके बाद ये दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगे थे और आगे जाकर इन दोनों ने एक दूसरे से 15 जनवरी 2004 को शादी कर ली। वर्तमान में इन दोनों के दो बच्चे भी है जिनका नाम आर्यन पायलट और विहान पायलट है। बता देते है सारा अब्दुल्ला जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम फारुख अब्दुल्ला की बेटी और जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उम्र अबदुल्ला की बहन है।

2004 में रखा राजनीति की दुनिया में कदम

जिस समय सचिन पायलट अमेरिका से वापस आये थे उसके बाद वह 2004 में भारतीय राजनीती में शामिल हुए। खास बात तो ये है कि वह सिर्फ 26 साल की उम्र में 2004 में भारत के सबसे कम उम्र के सांसद बने। जिसके बाद 2004 में सचिन सेंन्ट्रल गवर्नमेंट के होम डिपार्टमेंट के स्टैंडिंग कमीटी के मेंबर और एविएशन मिनिस्ट्री के एडवाइजर नियुक्त किये गए।

साल 2018 में बने राजस्थान के 5 वें डिप्टी सीएम

साल 2018 में राजस्थान विधानसभा इलेक्शन में वह डिप्टी चीफ मिनिस्टर के रूप में अप्पोइंट किया गया। उस वक्त वह राजस्थान के 5वें डिप्टी सीएम बने। 14 जुलाई 2020 को उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष पोस्ट और डिप्टी सीएम के पद से हटा दिया गया। जिसके बाद वह हाल में राजस्थान के टोंक क्षेत्र में विधायक के रूप में काम कर रहे है।

हाल ही में अशोक गहलोत के साथ विवादों के लेकर चर्चा में आए सचिन

इस विवाद की शुरुआत साल 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद हुई थी। तब सचिन पायलट ने विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी को सत्ता में दोबारा स्थापित करने के लिए कई चुनावी सभाएं की थी, जिसका फायदा भी कांग्रेस को मिला। नतीजे जब सामने आए तो लगा कि सचिन पायलट को सीएम पद मिलेगा, लेकिन पार्टी ने जादूगर कहे जाने वाले अशोक गहलोत पर दांव चला और उन्हें सीएम बनाने का एलान किया। जबकि सचिन पायलट को डिप्टी सीएम का पद दिया गया। दरअसल, साल 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को राजस्थान में हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद राजस्थान कांग्रेस प्रमुख की जिम्मेदारी सचिन पायलट को दी गई। सचिन पायलट ने पांच साल तक राज्य के हर एक जिले का दौरा कर पार्टी को मजबूत करने के लिए जमकर मेहनत की।

क्यों बागी बने सचिन पायलट

  • सचिन पायलट (Sachin Pilot) गहलोत सरकार में डिप्टी सीएम जरूर थे, लेकिन आए दिन गहलोत और पायलट गुट के बीच बयानबाजी होती रहती थी।
  • साल 2020 में राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप यानी एसओजी ने सचिन पायलट को विधायकों को खरीद-फरोख्त मामले में पूछताछ का नोटिस भेजा था।
  • इसके बाद सचिन पायलट दिल्ली चले गए और विद्रोह का एलान कर दिया।
  • सचिन पायलट अपने करीबी विधायकों के साथ हरियाणा के मानेसर के एक रिजॉर्ट में ठहरे थे। उनके समर्थकों ने अशोक गहलोत को सीएम पद से हटाने की मांग की।
  • हालांकि, इसके बाद सचिन पायलट पर कार्रवाई की गई और उनके दो करीबी विधायकों को मंत्री पद से हटा दिया गया।
  • अशोक गहलोत किसी तरह से अपनी सरकार को बचाने में कामयाब हुए।
  • बाद में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच सुलह हो गई। सचिन के करीबी विधायकों को गहलोत कैबिनेट में फिर से जगह दी गई।

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