चक्रवाती तूफान Biparjoy का खतरा, राजस्थान सरकार ने तेज की तैयारियां
Jaipur: चक्रवाती तूफान बिपरजॉय (Biparjoy) के खतरे को देखते हुए राजस्थान सरकार ने भी तैयारियां तेज कर दी। इसको लेकर मुख्य सचिव उषा शर्मा ने बुधवार को शासन सचिवालय में जिला कलेक्टरों के साथ बैठक की। मुख्य सचिव उषा शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार पूरी तरह से तैयार है। किसी भी हालात से निपटने के लिए एसडीआरएफ की 17 टीमें नियुक्त की गई हैं और 30 टीम रिजर्व में हैं। जहां कही भी इसकी जरूरत होगी, वहां इन्हें भेजा जाएगा। बैठक में पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा उपस्थित रहे तथा प्रभावित होने वाले जिलों के कलेक्टर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जुड़े।
16 जून को जालौर और बाड़मेर में करेगा प्रवेश
बैठक में मौसम विभाग के अधिकारी ने बताया कि यह सिस्टम 16 जून को डीप डिप्रेशन के रूप में जालोर (Biparjoy) और बाड़मेर में प्रवेश करेगा जिसकी स्पीड 50 से 60 किमी/घंटा रह जाएगी। इस वजह से प्रदेश में भारी बारिश और आंधी आ सकती है। पश्चिम राजस्थान में 300-400 एमएम तक बारिश हो सकती है। 17 जून के बाद यह सिस्टम धीरे-धीरे कमजोर पड़ जाएगा। बैठक में उपस्थित जिला कलेक्टरों ने आश्वासन दिया कि बिजली, मेडिकल, पुलिस जैसे विभागों को सचेत कर दिया गया है, वे अपनी मशीनरी के साथ सर्तक हैं।
आज रात कच्छ और सौराष्ट्र एवं कच्छ के तटीय क्षेत्र से टकराएगा
अरब सागर का चक्रवात बिपरजॉय गुरुवार देर रात गुजरात (Biparjoy) के सौराष्ट्र एवं कच्छ के तटीय क्षेत्र से टकराएगा। यह चक्रवात अभी थोड़ा कमजोर जरूर पड़ गया है, लेकिन इसके खतरे कम नहीं हुए हैं। तटीय इलाकों के लिए रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। चक्रवात का असर सिर्फ गुजरात और महाराष्ट्र तक ही सीमित नहीं रह पाएगा।
महाराष्ट्र व गुजरात में NDRF की 33 टीमें तैनात
‘बिपरजॉय’ की दस्तक से पहले एनडीआरएफ ने गुजरात और महाराष्ट्र में राहत एवं बचाव अभियान चलाने के लिए कुल 33 टीमों को जिम्मा सौंपा है। 18 टीमों को गुजरात में रखा गया है, एक को दीव में तैनात किया गया है। महाराष्ट्र में 14 टीमों में से पांच को मुंबई में तैनात किया गया है, बाकी को तैयार स्थिति में रखा गया है। एनडीआरएफ के लिए मुख्य ध्यान वाला क्षेत्र गुजरात का सौराष्ट्र और कच्छ है।
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