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Manipur Violence: मणिपुर की घटना पर देश में गुस्सा…पीएम बोले- गुनाहगार को नहीं बख्शेंगे, SC सख्त, संसद में विपक्ष का जोरदार हंगामा

Manipur Violence: मणिपुर की घटना ने पूरे देश को शर्मसार कर दिया है. नेताओं से लेकर आम जनता तक, हर कोई इस घटना की कड़ी निंदा कर रहा है. मणिपुर में दो महिलाओं को नग्न कर घुमाने की इस घटना पर पीएम मोदी (PM Modi) ने कड़ी कार्रवाई की बात कही, गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर के सीएम को फोन लगाया. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुरुवार (20 जुलाई) को सरकार से कहा कि अगर आप कुछ नहीं कर सकते तो हम करेंगे. इस बीच संसद के मानसून सत्र में भी इस पर जोरदार हंगामा हुआ.

पीएम मोदी ने मानसून सत्र के शुरू होने से पहले कहा कि आज जब मैं आपके बीच आया हूं, लोकतंत्र के इस मंदिर के पास खड़ा हूं तब मेरा हृदय पीड़ा और क्रोध से भरा हुआ है. मणिपुर की जो घटना सामने आई है, वो किसी भी सभ्य समाज के लिए शर्मसार करने वाली घटना है. पाप करने वाले, गुनाह करने वाले कितने हैं, कौन हैं? वो अपनी जगह हैं, लेकिन बेइज्जती पूरे देश की हो रही है, 140 करोड़ देशवासियों को शर्मसार होना पड़ रहा है. मणिपुर की इन बेटियों के साथ जो हुआ है, इसको कभी माफ नहीं किया जा सकता.

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि मैं राज्यों के मुख्यमंत्रियों से आग्रह करता हूं कि वे अपने राज्य में कानून-व्यवस्था को और मजबूत करें. खासकर हमारी माताओं-बहनों की रक्षा के लिए कठोर से कठोर कदम उठाएं. चाहे वह राजस्थान हो, छत्तीसगढ़ हो, मणिपुर हो या देश का कोई भी हिस्सा हो, कानून व्यवस्था बनाए रखना और महिलाओं का सम्मान करना किसी भी राजनीतिक बहस से ऊपर रखा जाना चाहिए. मैं देशवासियों को विश्वास दिलाता हूं कि किसी भी गुनाहगार को बख्शा नहीं जाएगा. कानून अपनी पूरी शक्ति से एक के बाद एक कदम उठाएगा.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस घटना पर मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से बात की. मणिपुर के मुख्यमंत्री ने इस मामले पर कहा कि वीडियो सामने आने के तुरंत बाद घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए मणिपुर पुलिस हरकत में आई और आज सुबह पहली गिरफ्तारी की गई. फिलहाल गहन जांच चल रही है और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, जिसमें मृत्युदंड की संभावना पर भी विचार किया जाएगा.

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर केंद्र सरकार से कार्रवाई करने को कहा. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि दो महिलाओं को नग्न कर घुमाने का जो वीडियो सामने आया है वो वास्तव में परेशान करने वाला है. अगर सरकार कार्रवाई नहीं करेगी तो हम करेंगे. अब समय आ गया है कि सरकार वास्तव में कदम उठाए और कार्रवाई करे. संवैधानिक लोकतंत्र में यह बिल्कुल अस्वीकार्य है. कोर्ट ने केंद्र और मणिपुर सरकार से ये बताने को कहा कि अपराधियों को सजा दिलाने के लिए उन्होंने क्या कार्रवाई की है. कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 28 जुलाई को तय की है.

पूरे देश को झकझोर देने वाली ये घृणित घटना चार मई को मणिपुर के कांगपोकपी जिले में हुई थी. जिसका वीडियो अब वायरल हो रहा है. इसमें दिख रहा है कि पुरुष असहाय महिलाओं की नग्न परेड करा रहे हैं, उनके साथ लगातार छेड़छाड़ कर रहे हैं और वे (महिलाएं) रो रही हैं और उनसे छोड़ने की मिन्नतें कर रही हैं. आरोप है कि इन महिलाओं के साथ गैंगरेप भी किया गया है. पुलिस ने घटना के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. जिसका नाम हुइरेम हेरोदास मेइती (32) है.

गौरतलब है कि मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाय के बीच करीब दो महीने से जातीय हिंसा हो रही है. अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं. राज्य में तब से अब तक कम से कम 160 लोगों की जान जा चुकी है. राज्य में इंटरनेट बंद हैं, हजारों घर जलाए जा चुके हैं, बड़ी संख्या में लोग शेल्टर होम या जंगलों में रहे हैं.

गुरुवार से शुरू हुए संसद के मानसून सत्र में इस घटना को लेकर जोरदार हंगामा हुआ है. लोकसभा में संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि हमने स्पष्ट कर दिया है कि हम दोनों सदनों में मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार हैं. मणिपुर एक संवेदनशील विषय है. गृह मंत्री विस्तार से चर्चा का जवाब देंगे. स्पीकर को चर्चा की तारीख तय करने दीजिए हम चर्चा करने के लिए तैयार हैं. हंगामा जारी रहने के बाद लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी गई.

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