राजस्थान चुनाव 2023राज्य

Rajasthan: ‘लाल डायरी’ने बिगाड़ा Congress का चुनावी समीकरण, हाईकमान भी टेंशन में

Jaipur: चार साल के गहलोत-पायलट विवाद (Rajasthan) को 20 दिन पहले दिल्ली में मैराथन बैठक के दौरान सुलझाने का दावा करने वाली कांग्रेस नए संकट में फंस गई है। गहलोत सरकार के बर्खास्त मंत्री राजेंद्र गुढा की ओर से उछाले गए 500 करोड़ रुपए के लेनदेन वाली लाल डायरी के प्रकरण ने कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व को चिंता में डाल दिया है। डायरी में छिपे राज बाहर लाने की मांग उठाकर बीजेपी दो दिन से लगातार राष्ट्रीय स्तर पर इसे हवा दे रही है, वहीं गुरुवार को सीकर में सभा करने आ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस पर कांग्रेस को घेर सकते हैं। चूंकि मोदी शेखावाटी में आ रहे हैं और गुढ़ा इसी क्षेत्र से आते हैं। ऐसे में कांग्रेस को डर है कि मोदी इसे बड़ा मुद्दा बनाएंगे, जो राजस्थान के साथ बाकी चार चुनावी राज्यों में भी अपना असर दिखा सकता है।

AICC सूत्रों ने क्या कहा?

एआईसीसी सूत्रों का कहना है कि गुढ़ा की मंत्री पद से बर्खास्तगी (Rajasthan) का फैसला लेने में जल्दबाजी हुई है। एआईसीसी नेताओं के एक वर्ग का मत है कि एक दिन पहले आनन-फानन में गुढ़ा को मंत्री पद से हटाकर दूसरे ही दिन विधानसभा से निलंबित करने से मामले ने ज्यादा तूल पकड़ा। चुनाव से पहले मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए गुढ़ा प्रकरण को प्रदेश स्तर पर बातचीत के जरिए निपटाया जा सकता था। इस नए घटनाक्रम के बाद भाजपा लगातार यह नरैटिव सेट करने में जुटी है कि गहलोत सरकार में भारी भ्रष्टाचार हुआ है।

6 जुलाई को दिल्ली में हुई बैठक के बाद आया बदलाव

सूत्रों का कहना है कि 6 जुलाई को दिल्ली में हुई बैठक के बाद प्रदेश कांग्रेस के माहौल में जो बदलाव आया था, गुढ़ा प्रकरण ने उसे गहरी चोट पहुंचाई है। चूंकि गुढ़ा ने डायरी में आरसीए चुनाव के दौरान और गहलोत सरकार को संकट के समय बचाने में हुए लेनदेन संबंधी ब्यौरा होने के आरोप लगाए हैं। जनता में उत्सुकता है कि डायरी में जिस लेनदेन की बात हो रही है, उसमें किन-किन नेताओं के नाम है? इस वजह से यह मुद्दा पब्लिक के बीच ज्यादा चर्चाओं में आ रहा है।

डैमेज कंट्रोल के रास्ते तलाश रही कांग्रेस

पार्टी के एक जनरल सेक्रेटरी नाम नहीं छापने (Rajasthan) की शर्त पर बोले– राष्ट्रीय नेतृत्व के स्तर पर डैमेज कंट्रोल के रास्ते तलाशे जा रहे हैं, लेकिन मामला इतना बढ़ चुका है कि कांग्रेस के लिए न निगलते बन रहा है और न उगलते। यह ऐसा मुद्दा है जो चुनाव तक ठंडा होना मुश्किल है। यही वजह है कि कांग्रेस हाईकमान ने राजस्थान के नेताओं को हिदायत दी है कि गुढ़ा प्रकरण को बयानबाजी करके ज्यादा तूल नहीं दिया जाए। मीडिया में भी बयानों से बचने के लिए कहा गया है।

ट्रेंड : चुनाव से पहले जो मुद्दा छिड़ता है, वही गूंजता है

महज 4 माह बाद हो रहे चुनाव को कांग्रेस अपनी योजनाओं के भरोसे जीतने की उम्मीद कर रही है। अचानक हुए डायरी प्रकरण से उसे डर है कि मुद्दा ज्यादा चला तो पॉजिटिव माहौल पर पानी फिर जाएगा। राजस्थान में यह ट्रेंड रहा है कि चुनावी साल में सरकार के खिलाफ जो मुद्दा छिड़ता है, वो सत्ताधारी पार्टी को बड़ा नुकसान पहुंचाता है। पिछले चुनाव में वसुंधरा सरकार के खिलाफ भी आनंदपाल एनकाउंटर और भ्रष्टाचार बड़े मुद्दे थे।

Read More- PM Modi का 27 जुलाई को राजस्थान दौरा, सीकर से पूरे राज्य में करेंगे चुनावी शंखनाद

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button