राजस्थान चुनाव 2023

राजस्थान में होगी Modi vs Gehlot की जंग? भाजपा के 4 शीर्ष नेता संभालेंगे विधानसभा चुनावों की कमान

Jaipur: राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां जोरो-शोरो पर हैं। भाजपा राजस्थान को साधने की पूरी कोशिश कर रही हैं। ऐसे में पार्टी ने अब एक नया दाव खेला है। बता दें कि बीजेपी ने पीएम नरेन्द्र मोदी के चेहरे पर ही आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने की बात कही है। अब इससे भी आगे बढ़कर यह तय हुआ है कि राजस्थान में पार्टी की चुनावी गतिविधियों को सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही संभालेंगे लेकिन आखिर ऐसी क्या वजह है जो पहली बार पीएम को किसी स्टेट का चुनावी रणनीतिकार बनाया गया? क्यों राजस्थान में वे अपना फोकस बढ़ा रहे हैं? आइये जानते है।

भाजपा के 4 शीर्ष नेता संभालेंगे ये 4 प्रदेश

दरअसल, भाजपा ने अपने शीर्ष चार नेताओं को चार प्रदेशों की कमान सौंपने का फैसला किया है। इसके तहत पीएम मोदी को राजस्थान, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को मध्यप्रदेश, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा को छत्तीसगढ़ और राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष को तेलंगाना की कमान सौंपी है। बता दें कि इन चारों राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं।

पीएम मोदी ने 8 अगस्त को दिल्ली में 28 सांसदों की बुलाई बैठक

पीएम मोदी के हाथ में राजस्थान की कमान आने के बाद से चुनावी साल में वे राजस्थान के 7 दौरे-सभाएं कर चुके पीएम मोदी ने अब प्रदेश के सभी 28 सांसदों को 8 अगस्त को दिल्ली बुलाया है। इनमें 24 सांसद लोकसभा और 4 राज्यसभा के हैं। जानकारी के मुताबिक इसके बाद विधायकों को भी दिल्ली बुलाकर वे फीडबैक लेंगे

आखिर प्रधानमंत्री को क्यों बनाया गया राजस्थान का चुनावी रणनीतिकार

सबसे पहले जान लेते हैं 8 अगस्त की मीटिंग का एजेंडा क्या है?

पीएम मोदी जब राजस्थान के 24 लोकसभा और चार राज्यसभा सांसदों के साथ बातचीत करेंगे तो उसमें चार केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, भूपेंद्र यादव, गजेंद्र सिंह शेखावत और कैलाश चौधरी भी शामिल होंगे।

एजेंडा की मुख्य बाते-

  • चार महीने पहले सभी सांसदों को पीएम मोदी और केंद्र की भाजपा सरकार की 9 साल की उपलब्धियों को लेकर लोगों के बीच जाने की जिम्मेदारी दी गई थी। अब तक किसने क्या किया, इसका ब्यौरा लिया जाएगा।
  • सभी सांसदों से उनके द्वारा उनके क्षेत्र में हासिल की गई उपलब्धियों के बारे में जानकारी ली जाएगी। सभी सांसदों के चुनाव क्षेत्र में आने वाली विधानसभा सीटों के बारे में बात की जाएगी। कहां क्या स्थिति है, क्या राजनीतिक संभावनाएं अभी नजर आ रही हैं, इन सब के बारे में बात की जाएगी।
  • आगामी विधानसभा चुनावों (दिसंबर-2023) और लोकसभा चुनावों (मई-2024) के बारे में क्या राजनीतिक घोषणा की जानी चाहिए।
  • प्रदेश की कांग्रेस सरकार की नीतियों-योजनाओं, सीएम गहलोत, मंत्रियों, विधायकों की आलोचना के लिए कौन-कौन से बिंदुओं पर वैचारिक, मौखिक और राजनीतिक आक्रमण किया जाना चाहिए।

जल्द ही पीएम विधायकों के साथ भी करेंगे संवाद

जल्द ही पीएम मोदी राजस्थान के विधायकों के साथ भी संवाद करेंगे। यह बैठकें संभाग वार होंगी। टिकट वितरण पर भी पीएम मोदी की कोर टीम ही फैसले करेगी। सूत्रों के अनुसार विधायकों की पहली मीटिंग 25-26 अगस्त के आसपास हो सकती है।

बीजेपी पीएम मोदी के चेहरे पर लड़ेंगी राजस्थान का विधानसभा चुनाव

राजस्थान के राजनीतिक इतिहास में यह पहला मौका है, जब भाजपा ने पीएम के चेहरे और केंद्र की योजनाओं के आधार पर ही न केवल विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है, बल्कि अब चुनावों की सीधी जिम्मेदारी भी स्वयं पीएम संभालेंगे।

मोदी की खरनाल (नागौर), कोटा संभाग और भरतपुर संभाग में सभा की तैयारी

जुलाई में पीएम मोदी की एक सभा राजस्थान के प्रसिद्ध लोक देवता वीर तेजाजी महाराज के जन्म स्थान खरनाल (नागौर) में एक सभा प्रस्तावित थी। ऐन मौके पर ये सभा स्थगित हो गई थी। इसके बाद पीएम मोदी पड़ोसी जिले सीकर में आए थे और जनसभा को संबोधित किया था। अब जल्द ही राजस्थान में उनके तीन दौरे और हो सकते हैं। पार्टी के सूत्रों के मुताबिक अगस्त महीने वे तीन स्थानों पर सभा या दौरे कर सकते हैं। इनमें एक स्थान खरनाल (नागौर) होगा, जहां वे वीर तेजाजी महाराज के मंदिर में पूजा अर्चना करेंगे।

इसके बाद उनकी दो सभा कोटा (हाड़ौती) और भरतपुर (ब्रज-मेवात) या जोधपुर (मारवाड़) संभाग में से किसी एक जगह पर हो सकती है। जल्द ही इसका विस्तृत कार्यक्रम जारी होगा। पीएम मोदी नवंबर-2022 से अब तक राजस्थान में बांसवाड़ा (वागड़), सिरोही (गोडवाड़), अजमेर-पुष्कर (मेरवाड़ा), भीलवाड़ा (मेवाड़), दौसा (ढूंढाड़), बीकानेर (मारवाड़), सीकर (शेखावाटी) में आ चुके हैं। अब उनका राजस्थान के तीन-चार सांस्कृतिक क्षेत्रों में जाना शेष है। इसके लिए अगले एक-डेढ़ महीने में उनकी सभाएं व रैलियां होंगी।

पीएम मोदी ही लेंगे रणथम्भौर, गोगामेड़ी और बेणेश्वर रैलियों के नेतृत्व का फैसला

राजस्थान में भाजपा तीन बड़े धार्मिक स्थलों से जनसमर्थन रैलियां निकालने वाली है। अभी यह तय नहीं हुआ है कि इन धार्मिक स्थानों से निकलने वाली रैलियों का नेतृत्व कौनसा नेता करेगा। इसका निर्णय भी पीएम मोदी और उनकी कोर टीम ही करेगी।

यह रैलियां रणथम्भौर (सवाईमाधोपुर) स्थित भगवान त्रिनेत्र गणेशजी, लोकदेवता गोगाजी की गोगामेड़ी स्थली (हनुमानगढ़) और आदिवासियों के तीर्थस्थल बेणेश्वर धाम (डूंगरपुर) से निकाली जाएंगी। इन जनसमर्थन रैलियों के नेतृत्व के लिए पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, उप नेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया, राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी और राज्य सभा सांसद डॉ. किरोणी लाल मीणा आदि के नामों पर विचार किया जा रहा है।

ऐसा पहली बार : पीएम ने खुद ट्वीट कर सचिवालय घेराव का आह्वान किया

राजस्थान भाजपा ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार के खिलाफ एक अगस्त को जयपुर में सचिवालय के घेराव का कार्यक्रम तय किया था। ऐसा पहली बार हुआ कि प्रदेश भाजपा के किसी आंदोलन के लिए स्वयं पीएम मोदी ने ट्वीट किया हो। ट्वीट करके मोदी ने लिखा कि बेटियों के मान में चलो…गरीबों के उत्थान में चलो…दलित सम्मान में चलो…किसान का दर्द भी सुनो..हुंकार भरो…।

पीएम मोदी क्यों राजस्थान पर बढ़ा रहे फोकस, इन प्वाइंट्स में समझे..

  1. राजस्थान देश में कांग्रेस की सबसे बड़ी ताकत, यहां हर हाल में जीत चाहती है भाजपा
  2. राजस्थान अकेला प्रदेश जहां दो बार लगातार लोकसभा की सभी सीटों पर जीती बीजेपी
  3. गुटबाजी और सीएम फेस की खींचतान खत्म करना भी जरूरी

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