Kerala: केरल बनेगा केरलम, क्या है दोनों नामों का मतलब और इतिहास
Kerala: केरल विधानसभा में सर्वसम्मति से राज्य का नाम बदलने का प्रस्ताव पारित हुआ है. केरल सरकार ने केंद्र सरकार से अपील की है कि राज्य का नाम बदलकर ‘केरलम’ कर दिया जाए. विधानसभा ने इस संबंध में संविधान में संशोधन की मांग की है. संविधान में इस राज्य का नाम केरल ही है. केरल सरकार ने मांग की है कि केंद्र सरकार, अब केरल के नाम बदलने पर मुहर लगा दे.
राज्य विधानसभा ने बुधवार को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार से राज्य का नाम आधिकारिक तौर पर ‘केरल’ से बदलकर ‘केरलम’ करने की अपील की है. मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने केरल विधानसभा में प्रक्रिया और कार्य संचालन नियम 118 के तहत सदन में प्रस्ताव पारित किया है.
मलयालम भाषा में ‘केरलम’ शब्द का ही इस्तेमाल होता आया है. ऐतिहासिक संदर्भों में ‘केरलम’ का ही जिक्र आया है. अंग्रेजी में इसे केरल कहा गया तो दूसरी भाषाओं में भी इसे केरल कहा गया. संविधान की पहली अनुसूची में राज्य का नाम ‘केरल’ ही लिखा है. ऐसे में राज्य सरकार ने संवैधानिक बदलाव की मांग की है.
कैसे पड़ा केरल का नाम?
कुछ इतिहासकारों का मानना है कि ‘केरलम’ नाम ‘केरा’ शब्द से आया है जिसका अर्थ नारियल का पेड़ होता है. इस राज्य की पहचान भी यही रही है. धार्मिक मान्यता है कि भगवान परशुराम ने समुद्र से भूमि फिर से हासिल की थी, इसलिए पहले ‘चेरना-आलम’ नाम अस्तित्व में आया. बाद में इसका नाम केरलम हो गया. केरलम नाम से केरल प्रचलन में आ गया.
कैसे अस्तित्व में आया केरल?
देश के दक्षिण-पश्चिम में स्थित यह राज्य, बेहद पुराना है. त्रवनकोर और कोचिन रियासतों को मिलकार, 1 जुलाई 1949 को मिलाकर त्रवनकोर-कोचीन राज्य अस्तित्व में आया, वहीं मालाबार मद्रास प्रांत के अधीन ही रहा. राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 के अंतर्गत ‘त्रावनकोर-कोचीन राज्य और मालाबार’ को मिलाकर 1 नवंबर, 1956 को ‘केरल राज्य’ अस्तित्व में आया.
केरल की भाषा, मलयालम है. केरल शब्द कैसे अस्तित्व में आया, इस पर कोई स्पष्टता नहीं है. ऐसी मान्यता है कि चेरना और आलम जैसे शब्दों से मिलकर केरलम शब्द बना है. केरलम शब्द का अर्थ है कि वह भूभाग जो समुद्र से निकला है. इसका एक और अर्थ है कि समुद्र और पर्वत का संगम स्थान. केरल को विदेशी साहित्य में मलाबार नाम का भी जिक्र आता है.