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Yoga For Blood Circulation: हफ्ते में बस 3 बार करें ये योगासन, निकल जाएगी लिवर की सारी गंदगी और बढ़ेगा ब्लड फ्लो

Yoga For Blood Circulation:  कुछ योगासन के अभ्यास से लिवर समेत पेट के सभी भीतरी अंगों को सेहतमंद बनाए रखने में मदद मिलती है. सही ढंग और विधि से यदि योगासन का अभ्यास किया जाए तो इससे लिवर से जुड़ी बीमारियों को दूर करने में मदद मिलती है, जिससे ब्लड सकुर्लेशन भी बेहतर होता है. इससे शरीर के हर एक (Yoga Asanas To Improve Blood Circulation) हिस्से में ब्‍लड सर्कुलेशन अच्‍छी तरह से होता है और ये लिवर के कामकाज को बेहतर बनाने में मदद करता है. आज हम आपको ऐसे ही कुछ योगासन के बारे में बता रहे हैं, जो ब्‍लड फ्लो में सुधार (Yoga For Poor Blood Circulation) और लिवर को डिटॉक्‍स करने में मदद करते हैं. इन आसनों का अभ्यास हफ्ते में कम से कम 3 बार 3 सेट करना होगा और प्रत्येक आसन में 15-30 सेकंड तक करना होगा. 

ताड़ासन 

इसके लिए पैरों को शरीर की चौड़ाई बराबर फैलाकर पंजों को आगे की ओर करके खड़े हो जाएं. फिर टेलबोन को थोड़ा सा मोड़ें, साथ ही कंधों को चौड़ा और शिथिल रखें. सिर को सीधा करें ताकि ठोड़ी फर्श के समानांतर हो. इसके बाद बाजुओं को सिर के ऊपर उठाएं और उन्हें कंधे की चौड़ाई बराबर रखें. साथ ही एक मिनट के लिए आसन को रोककर रखें. 

वृक्षासन

इसके लिए सबसे पहले सीधे खड़े होकर दाहिने पैर को फर्श से उठाएं और शरीर के वजन को बाएं पैर पर बैलेंस करें. फिर दाहिने पैर को बाईं जांघ पर रखें. बता दें पैर को अपनी जगह पर लाने के लिए उन्हें हथेलियों से सहारा दे सकते हैं.  बैलेंस बनाने के बाद हथेलियों को हृदय चक्र पर प्रणाम मुद्रा में जोड़ें और प्रणाम मुद्रा को आकाश की ओर उठाएं. इसके बाद कोहनियों को सीधा करे और इस दौरान सिर को बाजुओं के बीच में रखें. फिर दूसरे पैर से इस योगासन को दोहराएं. 

अधोमुख श्वानासन

इसके लिए सबसे पहले हाथों और पैरों के बल आ जाएं और हिप्‍स को ऊपर उठाएं. फिर घुटनों और कोहनियों को सीधा करें और उल्‍टा ‘वी’ आकार बनाएं. साथ ही हाथों को कंधे की चौड़ाई बराबर रखें.  उंगलियां आगे की ओर रखें और हथेलियों पर दबाव डालें. साथ ही एड़ियों को फर्श पर धकेलने का प्रयास करें और नजर पैर की उंगलियों पर केंद्रित रखें. 

वज्रासन

इसके लिए सबसे पहले बाजुओं को शरीर के बगल में रखकर सीधे खड़े हो जाएं और आगे की ओर झुकें. फिर धीरे-धीरे घुटनों को चटाई पर रखें. इसके बाद पेल्विक को एड़ी पर रखें और पैर की उंगलियों को बाहर की ओर रखें. साथ ही एड़ियों को एक-दूसरे के करीब रखें. ध्यान रहे पंजों को एक दूसरे के ऊपर न रखें. हथेलियों को घुटनों पर रखें और पीठ सीधी कर आगे की ओर देखें.

कपालभाति

इसके लिए सबसे पहले सुखासन में बैठें और पीठ सीधी कर आंखें बंद कर लें. फिर हथेलियों को घुटनों पर ऊपर की ओर रखें और सामान्य रूप से सांस लें और तेजी से सांस छोड़ने पर ध्यान केंद्रित करें. इसके बाद पेट को दबाकर डायाफ्राम और फेफड़ों से सारी हवा बलपूर्वक बाहर निकालें. 

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