Rajasthan Election: नागौर जिले की एक ऐसी सीट जहां इस बार हो सकती है त्रिकोणीय लड़ाई, जानें समीकरण…
नागौर: राजस्थान की सियासत का सबसे प्रभावशाली जिलों (Rajasthan Election) में एक नागौर रहा है। लाडनूं विधानसभा सीट नागौर जिले के अहम सीटों में एक है। नागौर ज़िले में जहाँ मिर्धा परिवार और हनुमान बेनीवाल का वर्चस्व रहा है तो वहीं दूसरी तरफ हर बार इस कई चौंकाने वाले नाम उभर कर सामने आते रहे हैं।
लाडनूं विधानसभा की राजनीति दो तीन नेताओं के इर्द-गिर्द घूमती रही है, जिनमें हरजीराम बुरडक और मनोहर सिंह शामिल हैं। इन दोनों नेताओं के निधन के बाद लाडनूं विधानसभा एक बार पुनः चर्चा का केंद्र बन चुकी है। इस सीट के चर्चा में आने का मुख्य कारण युवा प्रत्याशियों की भरमार है। लाडनू से मौजूदा विधायक कांग्रेस पार्टी के मुकेश भाकर हैं, जो 2018 में दिग्गज नेता मनोहर सिंह को हराकर जीते थे।
जहां कांग्रेस पार्टी एक बार फिर मौजूदा विधायक मुकेश भाकर पर दांव खेल सकती है। दूसरी तरफ बीजेपी में दावेदारों की भरमार है, लाडनू से विधायक रहे मनोहर सिंह के सुपुत्र करणी सिंह भी बीजेपी से दावेदारी कर रहे हैं। इन दोनों के अलावा एक अन्य युवा चेहरे की एंट्री ने लाडनू के राजनीति को दिलचस्प बना दिया है।
मुस्लिम समुदाय से आने वाले नियाज मोहम्मद खान (Rajasthan Election) के लाडनूं विधानसभा के रण में उतरने के बाद बीजेपी और कांग्रेस दोनों दलों की समीकरण पलट दिया है। नियाज मोहम्मद खान पेशे से एक सामाजिक कार्यकर्ता है, जिनकी छवि एक समाज सेवक के रूप में देखी जाती है। नियाज मोहम्मद खान ने पिछले दिनों शक्ति प्रदर्शन कर लाडनूं विधानसभा से चुनाव लड़ने का ऐलान किया था।
सूत्रों के अनुसार नियाज मोहम्मद खान से लगातार RLP संपर्क साध रही है, इसके अलावा आरएलपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल से नियाज मोहम्मद खान ने एक निजी कार्यक्रम में मुलाकात भी की थी। बताया ये भी जा रहा है कि आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर रावण ने नियाज मोहम्मद खान से मुलाक़ात की है। ऐसे में अगर चंद्रशेखर रावण और हनुमान बेनीवाल का समर्थन नियाज को मिलता है तो लाडनूं विधानसभा के सभी समीकरण को बिगड़ जाएंगे।
इन तीनों प्रत्याशियों के अलावा 2008 में कांग्रेस से चुनाव लड़ चुके लियाकत अली खान व लाडनूं विधानसभा की धुरी माने जाने वाले हरजीराम बुरडक के सुपुत्र जगन्नाथ बुरड़क के चुनाव में उतरने की संभावनाएं हैं। अब अब देखना दिलचस्प होगा कि में युवा नेताओं के मैदान में उतरने से लांडनू के समीकरण पर कैसा प्रभाव पड़ेगा।
जातिगत समीकरण
लाडनूं विधानसभा पारंपरिक तौर पर जाट बाहुल्य क्षेत्र है लेकिन इस सीट पर SC-ST व मुस्लिम फैक्टर भी हावी है। इसके अलावा ओबीसी और राजपूत वोट निर्णायक भूमिका निभाते हैं। लाडनूं विधानसभा में 262530 वोट हैं जिनमे पुरुष और महिलाओं के वोट में ज्यादा अंतर नहीं है। कई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस सीट पर जहाँ सबसे अधिक जाट वोट 60 हज़ार से अधिक है तो SC-ST व मुस्लिम वोटरों की संख्या लगभग 50-50 के क़रीब है। ओबीसी 45 हज़ार, रावणा राजपूत 15 हज़ार, राजपूत 10 हज़ार हैं। इसके अतिरिक्त ब्राह्मण समेत अन्य वोटर्स की संख्या विधानसभा में समीकरण को बनाने व बिगाड़ने की स्थिति में रहते हैं।
राजनीतिक समीकरण
लाडनूं विधानसभा में जाट एवं मुस्लिम वोटर्स के अलावा (Rajasthan Election) ओबीसी एवं दलित वोट बैंक भी निर्णायक भूमिका में होते हैं। लाडनूं विधानसभा सीट पर नियाज मोहम्मद खान के उतरने से लड़ाई त्रिकोणीय हो चुकी है। स्थानीय विधायक मुकेश भाकर के लिए इस बार बीजेपी और नियाज मोहम्मद खान के अलावा अन्य प्रत्याशी चुनौती हैं। मुकेश भाकर खुद जाट समाज से आते हैं, इसके अलावा कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी होने ओबीसी मुस्लिम सभी वर्ग के वोट मिलने की संभावनाएं हैं।
राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा है कि नियाज मोहम्मद खान से दलित समाज के नेता कहे जाने वाले आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर रावण ने मुलाक़ात की थी। पिछले दिनों वह एक निजी कार्यक्रम के दौरान हनुमान बेनीवाल से भी मुलाक़ात की चर्चा है। ऐसे में अगर नियाज खान के साथ मुस्लिम दलित वोट के साथ साथ जाट आ जाता है तो वह मज़बूत स्थिति में होंगे। वहीं दूसरी तरफ करणी सिंह को अगर बीजेपी टिकट देती है तो राजपूत व ओबीसी वोट के साथ-साथ बीजेपी की पारंपरिक साथ आने से चुनाव दिलचस्प बन सकता है।
मुख्य मुद्दे
लाडनूं विधानसभा के मुख्य मुद्दों में से एक सड़क निर्माण का है। लाडनूं में सड़क व्यवस्था में पहले से सुधार है परन्तु अभी विधानसभा की कई सड़कें जर्जर हालत में है। इसके अलावा नालियों के साथ सफाई की समस्या, जलभराव की समस्या एवं पानी की समस्या मुख्य मुद्दे हैं।
प्रमुख चेहरे
मुकेश भाकर
मुकेश भाकर लाडनूं विधानसभा से मौजूदा विधायक है। भाकर 2018 में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर बीजेपी मनोहर सिंह को हराया था। मुकेश भाकर का युवाओं में अच्छी पकड़ मानी जाती है।
करणी सिंह
करणी सिंह पूर्व विधायक मनोहर सिंह के सुपुत्र हैं, जो भारतीय जनता पार्टी के टिकट दावेदार हैं। पिछले कई सालों से करणी सिंह लगातार लाडनूं विधानसभा में कार्य कर रहे हैं।
नियाज मोहम्मद खान
नियाज मोहम्मद खान पेशे से सामाजिक कार्यकर्ता है, जिनका मुस्लिम समाज से लेकर सभी वर्गों में अच्छी खासी पैठ मानी जाती है। नियाज खां पिछले कई सालों से लाडनूं में समाज सेवा के माध्यम से लोगों की मदद करने का काम किया है।
जगन्नाथ बुरडक
जगन्नाथ बुरडक पूर्व विधायक हरजीराम बुरडक के बेटे हैं, 2018 में RLP के टिकट चुनाव लड़कर तीसरा प्राप्त किए थे। इस बार पुनः मैदान में उतरने की तैयारी है।
लियाकत अली खान
2008 में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ चुके लियाकत अली खान ने भी इस बार चुनाव में लड़ने का एलान किया है। इस बार पुन वह कांग्रेस पार्टी से टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। लियाकत अली खान को लाडनूं विधानसभा के पुराने नेताओं में गिना जाता है।