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Rajasthan Elections 2023: कांग्रेस के घोषणापत्र पर वसुंधरा राजे सिंधिया ने कसा तंज, कहा- ‘ हाथी के दांत खाने के और दिखाने के और…’

Jaipur: राजस्थान विधानसभा चुनाव (Rajasthan Elections 2023) में भारतीय जनता पार्टी की पतवार पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया ने थामी हुई है। कोटा संभाग में उनका लगातार प्रचार जारी है, ताकि ज्यादा से ज्यादा वोटर्स को पार्टी से जोड़ा जा सके। वसुंधरा राजे सिंधिया ने कांग्रेस पर भी हमला जारी रखा है। उन्होंने कांग्रेस पार्टी को उनके घोषणापत्र को लेकर भी जकर घेरा। वसुंधरा राजे सिंधिया ने एक सभा के दौरान कांग्रेस के घोषणापत्र को दिखावा बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का घोषणापत्र हाथी के दांत खाने के और दिखाने के और जैसा है।

पिछले चुनाव के वादे ही नहीं हुए पूरे अब क्या होंगे

वसुंधरा राजे ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के पिछले चुनाव के वादे ही पूरे नहीं हुए और ये फिर से नए वादे लेकर आ गए। वसुंधरा राजे डग से भाजपा प्रत्याशी कालू राम मेघवाल के पक्ष में आयोजित चुनावी सभा में बोल रही थीं। इस दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 4 लाख सरकारी नौकरियां देने का वादा किया है। जब पद ही ढाई लाख खाली हैं तो कहां से देंगे 4 लाख नौकरी? अपना हमला जारी रखते हुए वसुंधरा ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कह रहे हैं कि उन्होंने तीन लाख युवाओं को नौकरी दी। तीन लाख तो दूर की बात, 20 हजार को भी सरकारी नौकरी नहीं दे पाए।

1 लाख 37 हजार सरकारी भर्तियां हुईं, जिनमें 1 लाख 20 हजार भाजपा के समय की

पूर्व सीएम ने आगे कहा कि पांच साल (Rajasthan Elections 2023) में 1 लाख 37 हजार सरकारी भर्तियां हुईं, जिनमें 1 लाख 20 हजार तो भाजपा के समय की हैं. राजे ने राम मंदिर निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया। पूर्व सीएम ने कहा कि किसानों को 2 लाख तक का ब्याज फ्री लोन देने का वादा भी 10 दिन में किसानों का संपूर्ण कर्ज माफ करने जैसा है। वे बोलीं झालावाड़ सहित अलग-अलग जिलों के लिए हमारी सरकार ने ईआरसीपी योजना शुरू की, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसे राजनीति में उलझा दिया।

50 लाख की घोषणा मूर्ख बनाने का प्रयास मात्र

वसुंधरा राजे ने कहा कि गहलोत (Rajasthan Elections 2023) ने 5 साल सिर्फ राजनीति की और विकास के नाम पर कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस ने चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना की राशि 25 लाख से बढ़ाकर 50 लाख रुपए करने की घोषणा की है. जब एक मरीज पर औसतन 12 हजार भी खर्च नहीं हो रहे तो 50 लाख की घोषणा मूर्ख बनाने का प्रयास मात्र है।

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