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Rajasthan News: जोधपुर में सभा को संबोधित करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ बोले- ‘मैंने कहा था दीपावली तो अयोध्या में ही मनाऊंगा’

Jodhpur: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Rajasthan News) ने कहा कि धर्म एक ही है वो है सनातन धर्म है। बाकी उपासना विधि हो सकती है, पंथ हो सकते हैं, सम्प्रदाय हो सकते हैं। हर देश, काल परिस्थिति में जो अपनी जीवंतता को बिना रुके, बिना डिगे, बिना झुके बनाए हुए हैं और बना रहा है, वो सनातन धर्म है। दुनिया में बहुत लोग आए चले गए, लेकिन सनातन धर्म अपनी इस अनवरत यात्रा को सम और विषम परिस्थितियों में निरंतर बनाए हुए है। वे जोधपुर जिले के पालासनी गांव स्थित योगी कैलाशनाथ महाराज के भंडारा उत्सव पर आयोजित हुई धर्मसभा को संबोधित कर रहे थे।

‘दीपावली तो अयोध्या में ही मनाउंगा’

योगी ने कहा कि जब मैं सीएम बना तो प्रण लिया था कि दीपावली तो अयोध्या में ही मनाउंगा। तब मुझे कई लोगों ने कहा यह क्या कर रहे हैं, कई लोग आपके खिलाफ हो जाएंगे। तब मैंने कहा भले ही लोग विरोध में हो जाए, हम तो प्रभु का काम करेंगे। आज देखिये 500 साल के बाद प्रभु श्रीराम अपने मंदिर में फिर से विराजित होने जा रहे हैं। आज वहां की दीपावली दुनिया देखती है। उन्होंने वहां मौजूद साधु-संतों व आमजन को अयोध्या आने का न्योता दिया। सनातन धर्म पर सवाल खड़े वालों पर उन्होंने कहा कि कुछ काल खंड में कुछ बेरियर आए होंगे, कुछ बाधाएं, चुन्नौतियां आई होगी, लेकिन हमने बाधाओं का सामना किया। लेकिन जब देश एकजुट होकर चल पड़ा, देश जब एक स्वर में बोल पड़ा तो विजयश्री मिलने में बहुत देर नहीं लगी।

जब भगवान राम का मंदिर बन रहा है तो सब संभव है

उन्होंने कहा कि भारत जिस बात की अनुभूति (Rajasthan News) कर रहा है वह हम सबके सामने है। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के मंदिर निर्माण का कार्य पूरा हो चुका है। 22 जनवरी को 500 वर्षों के इंतजार के बाद प्रभु राम अपने भव्य मंदिर में विराजमान होंगे। दुनिया के अंदर जहां कहीं भी सनातन धर्म के अनुयायी हैं वो गौरवशाली परंपरा पर गौरवान्वित हो रहे हैं और दुनिया के अंदर हर दबी कुचली, शोषित सभ्यता परंपरा को एक नया जीवन मिला है। अयोध्या में प्रभु श्रीराम का मंदिर बन सकता है तो दुनिया के अंदर सब कार्य संभव हो सकते हैं।

विदेशी नहीं देशी उत्पाद खरीदें

योगी ने कहा कि हमारे स्थानीय कार्यक्रम कामगारों (Rajasthan News) को रोजगार मिले इसके लिए हमें विदेशी नहीं विदेशी उत्पाद खरीदने चाहिए। हम किसी को गिफ्ट दें तो विदेशी नहीं देशी उत्पादों को गिफ्ट करें। हम गुलामी की मानसिकता के साथ नहीं जी सकतें। क्योंकि दुनिया जब अंधकार में थी तब सब भारत की तरफ आशा भरी निगाहों से देख रहे थे। जब हमारे ऋषियों ने संदेश दिया था वसुधैव कुटुंबकम का। हम श्रेष्ठ थे इसीलिए आर्य कहलाए, यह भाव किसी और के पास नहीं था, लेकिन आज हम अपने उसे परंपरा के प्रति गुलामी की मानसिकता के कारण बोलने में संकोच करते हैं।

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