Rajasthan Assembly में हुए अभिभाषण में राज्यपाल बोले- ‘जनता की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी राजस्थान की पिछली कांग्रेस सरकार’
Jaipur: राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने राज्य (Rajasthan Assembly) की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर कटाक्ष करते हुए शुक्रवार को कहा कि वह अपने ‘अन्तर्विरोधों एवं अहम की लड़ाई’ में व्यस्त रही और जनता की आकांक्षाओं पर खरी नहीं उतर सकी। राज्य की नवगठित 16वीं विधानसभा में अपने अभिभाषण में राज्यपाल मिश्र ने कहा कि गत सरकार की ‘आनन-फानन में घोषित की गई तथाकथित कल्याणकारी’ योजनाओं की समीक्षा की जाएगी।
पूर्व सीएम गहलोत ने जताई आपत्ति
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस पर आपत्ति जताते हुए बाद में कहा कि नयी सरकार ने “राज्यपाल महोदय से अभिभाषण में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर मिथ्यारोप पढ़वा दिए।” राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में भ्रष्टाचार व कानून व्यवस्था तथा राज्य की खराब आर्थिक स्थिति के लिए भी राज्य की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर कटाक्ष किया और कहा कि भ्रष्टाचार और अपराध मुक्त राजस्थान बनाना वर्तमान डबल इंजन की सरकार का प्रमुख लक्ष्य है।
विधानसभा में अभिभाषण में क्या बोले राज्यपाल?
विधानसभा में अपने अभिभाषण में राज्यपाल (Rajasthan Assembly) ने कहा, “इससे पूर्व की सरकार अपने अन्तर्विरोधों एवं अहम की लड़ाई में व्यस्त रहने के कारण प्रदेश की विकासोन्मुखी नीति बनाने एवं निर्णय लेने में कामयाब नहीं हो पाई। इसके फलस्वरूप जनता की आकांक्षाओं पर खरी नहीं उतर सकी।” उन्होंने कहा, “लेकिन अब यह पूर्ण बहुमत एवं डबल इंजन की सुस्थिर सरकार राज्य में विकास के नये कीर्तिमान स्थापित कर ना केवल नये राजस्थान का निर्माण करेगी, अपितु विकसित राजस्थान व विकसित भारत 2047 के संकल्प को भी साकार करेगी।”
‘पिछली सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों को बंद नहीं किया जाएगा’
राज्यपाल मिश्र ने वर्तमान सरकार के नीतिगत निर्णय को रेखांकित करते हुए कहा कि पिछली सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को बंद नहीं किया जाएगा लेकिन अंतिम समय में बिना किसी बजटीय प्रावधान के जल्दबाजी में घोषित की गई योजनाओं की समीक्षा जरूर की जाएगी।
‘तथाकथित कल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा की जाएगी’
उन्होंने कहा, “हमारी सरकार (Rajasthan Assembly) का यह नीतिगत निर्णय है कि विगत सरकार द्वारा संचालित जन कल्याण की योजनाओं को बंद नहीं किया जायेगा, लेकिन चुनावी वैतरणी पार करने के उद्देश्य से पूर्ववर्ती राज्य सरकार द्वारा अपने कार्यकाल के आखिरी समय में, बिना बजटीय प्रावधानों के, आनन-फानन में घोषित की गई इन तथाकथित कल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा अवश्य की जाएगी।”