इंडिया

PM Modi ने राज्यसभा में पढ़ी नेहरू की चिट्ठी, कांग्रेस पर जमकर साधा निशाना साधते हुए कहा- ‘बाबा साहेब ना होते तो…’

New Delhi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने बुधवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। पीएम मोदी ने राज्यसभा में कहा कि आजकल जाति की बात होने लगी है। मैं कहता हूं जाति की क्यों जरूरत पड़ गई है? कांग्रेस अपने गिरेबान में झांके। दलित, पिछड़े और आदिवासी की कांग्रेस जन्मजात विरोधी रही है और आज जाति की बात कर रही है।

आरक्षण पर क्या बोले पीएम मोदी?

पीएम मोदी ने कहा कि ‘बाबा साहेब ना होते तो शायद एससी-एसटी को आरक्षण मिलता या नहीं, ये भी मालूम नहीं। मेरे पास प्रमाण है। इनकी सोच आज से नहीं, उस समय से ऐसी है। मैं प्रमाण के बिना यहां नहीं आया। बातें उठी हैं तो तैयारी रखनी चाहिए। मेरा परिचय तो हो चुका है ना…10 साल हो गए हैं।

नेहरू जी को लेकर कही ये बात

प्रधानमंत्री ने कहा, “मैं आदरपूर्वक नेहरूजी को ज्यादा याद करता हूं। मैं एक कोट नेहरूजी का पढ़ रहा हूं। एक बार नेहरूजी ने चिट्ठी मुख्यमंत्रियों को लिखी। उसमें उन्होंने लिखा – मैं किसी भी आरक्षण को पसंद नहीं करता। खासकर नौकरी में आरक्षण तो कतई नहीं। मैं ऐसे किसी भी कदम के खिलाफ हूं, जो अकुशलता को बढावा दे, जो दोयम दर्जे की तरफ ले जाए।

नेहरू जी द्वारा कही गई बातों को सदन में दोहराया

नेहरूजी ने कहा था, ‘मैं भारत को हर मामले में फर्स्ट क्लास देश के तौर पर देखना चाहता हूं। जिस वक्त हम सेकेंड क्लास को प्रोत्साहित करेंगे, उसी वक्त हम हार जाएंगे।’ पंडित नेहरू ने कहा था कि पिछड़े समूहों को मदद करने का एकमात्र तरीका यही है कि उन्हें शिक्षा के अच्छे अवसर दिए जाएं। लेकिन यदि हम संप्रदाय और जाति के आधार पर आरक्षण की ओर बढ़ते हैं तो फिर हम काबिल लोगों को खो देंगे और सेकेंड रेट और थर्ड रेट को आगे बढ़ा देंगे।’

प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर जमकर साधा निशाना

पीएम मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, “नेहरूजी ने जो कहा वो कांग्रेस के लिए पत्थर की लकीर होता है। आपकी सोच ऐसे कई उदाहरणों से सिद्ध होती है। एक उदाहरण जरूर दूंगा। जम्मू-कश्मीर का उदाहरण। कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर के एससी-एसटी, ओबीसी को 7 दशकों तक उनके अधिकारों से वंचित रखा। आर्टिकल 370, हम जितनी जीतेंगे उसकी बात नहीं कर रहा हूं। आर्टिकल 370 को निरस्त किया तो एससी-एसटी-ओबीसी को अधिकार मिले, जो देश के लोगों को बरसों से मिले हुए थे।

‘370 हटाकर हमने ये अधिकार उन्हें दिए’

जम्मू-कश्मीर में फॉरेस्ट राइट एक्ट नहीं मिला था। प्रिवेंशन ऑफ एट्रोसिटी एक्ट नहीं था। 370 हटाकर हमने ये अधिकार उन्हें दिए। हमारे एससी समुदाय में सबसे पीड़ित वाल्मीकि समाज रहा, उन परिवारों को भी 7 दशक बाद भी जम्मू-कश्मीर में डोमेसाइल का अधिकार नहीं दिया गया था। आज देश को भी बताना चाहता हूं कि स्थानीय निकायों में ओबीसी के आरक्षण का विधेयक भी कल 6 फरवरी को पारित कर दिया गया है।

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