Kolihan Mine Accident: राजस्थान में जिस इलाके की खदान में हुआ हादसा, वहीं से निकलता है देश का 50% तांबा
Jaipur: राजस्थान के झुंझुनूं में मंगलवार रात कोलिहाल खदान (Kolihan Mine Accident) में बड़ा हादसा घटित हुआ। इसमें कोलकाता से आई विजिलेंस टीम के लोग शामिल हैं। जिनके लिए सुबह से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी था। इस घटना के बाद से खदानों में काम करने वाले मजदूर और उनके लिए तय किए गए सुरक्षा मानकों पर प्रश्न चिन्ह लगने लगा है। लेकिन इसी के साथ खेतड़ी ओर उसके आसपस के क्षेत्र की खदानें जो हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड के अधीन है, वह चर्चा का विषय बन गई है।
50% तांबा पहाड़ों से जाता है निकाला
यह इलाका जयपुर जिले के अंतर्गत जयपुर नगर से 80 मील उत्तर में है। यह चारों तरफ से पहाड़ों से घिरा हुआ है। इसी कारण खेतड़ी और उसके आसपास के हिस्से में तांबे के बड़े भंडार हैं। यही से देश का 50 प्रतिशत तांबा पहाड़ों की खदान से निकाला जाता है. इसी कारण इसे ‘ताम्र नगरी’ कहा जाता है। इन खदानों में खनन का काम भारत सरकार के उपक्रम से हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड करता है।
हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड क्या है
हिन्दुस्तान कॉपर लिमिटेड भारत सरकार (Kolihan Mine Accident) के खान मंत्रालय के अधीन है। भारत में केवल इसी कंपनी को देशभर में खनन से लेकर सारी प्रक्रियाओं का काम करने का लाइसेंस मिला हुआ है। हिन्दुस्तान कॉपर लिमिटेड की खेतड़ी में खदानें है। जो पहाड़ के नीचे खेतड़ी और कोलिहान क्षेत्र में करीब 324 किमी के दायरे में 300 से अधिक भूमिगत खदानें हैं। जहां समुद्र तल से माइनस 102 मीटर की गहराई पर तांबा निकाला जाता है। ऐसे में यह देश की पहली सबसे बड़ी और सबसे गहरी तांबे की माइंस हैं। इसके तांबे की गुणवत्ता के कारण यह लंदन मेटल एक्सचेंज की ए ग्रेड में शामिल है। इसी कारण देश की सुरक्षा के लिए बनाए जाने वाले उपकरण इसी के तांबे से बनाए जाते हैं।